नई दिल्ली। 2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू हो Chaitra Navratri Ghat Sthapna Muhurta 2022 रही हैं। मंदिरों के साथ—साथ घरों में भी कलश स्थापना की जाएगी। पर इसके लिए आपको इसका सही समय पता होना चाहिए। आपको बता दें। इसके जो विशेष रूप से ध्यान रखने वाली बात है। वो है राहुकाल। जी हां राहू काल में कोई भी शुभ काम भूलकर भी नहीं करना चाहिए। तो चलिए हम आपको बताते हैं इस दिन का शुभ मुहूर्त क्या है। साथ ही हम आपको बताएंगे कि कलश स्थापना के नियम क्या हैं।
नवरात्रि प्रारंभ दिन – 2 अप्रैल 2022
प्रतिपदा समय 11:17 मिनट तक
प्रथम स्थापना मुहूर्त —
सुबह 7:30 से 9:00
राहु काल —
- सुबह 9 से 10:30 तक
- इस दौरान स्थापना निषेध है।
- इसके अलावा शेष बचे शुभ, लाभ और अमृत मुहूर्त में कलश स्थापना की जा सकती है।
लाभ मुहूर्त — दोपहर 1:30 से 3 बजे तक
अमृत मुहूर्त — दोपहर 3 से 4:30 बजे तक
शाम का मुहूर्त — शाम को 6 से 7:30 तक लाभ रहेगा।
कलश स्थापना के नियम —
घर की पूर्व दिशा में आटे से चौक पूर कर उस पर पाटा रखें। फिर इस पर लाल कपड़रा बिछाकर मां की फोटो रखें। कलश स्थापना चौकी के ठीक सामनें करें। जिसके लिए एक तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें हल्दी की गांठ, सुपारी, सिक्का और चावल जरूर डालें। इस पर पांच पत्ते आम के डालकर उस पर नारियल रखें।
किस दिशा में रखें दीपक —
कलश स्थापना के बाद देवी जी के बायीं ओर शक्ति यानि तेल का और दाईं ओर शिव यानि घी का दीपक जलाना चाहिए। पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार देवी जी की शक्ति वामांग होती हैं। इसलिए इस दिशा में तेल का दीपक जलाना चाहिए।
भूलकर भी न करें ये काम —
पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार किसी भी पूजन में शुभ काम के लिए एक बाती के उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। फूल बाती के लिए ये नियम चल सकता है। लेकिन जब लंबी वाली बाती का उपयोग पूजन में करते हैं तो भूलकर भी एक बाती का उपयोग नहीं करना चाहिए। एक बाती का उपयोग अशुभ कार्यों में होता है। शुभ कार्य हमेशा दो बाती वाले दीपक के साथ करना चाहिए।
पंचकों में हो रही है शुरुआत —
2 अप्रैल से शुरू हो रही चैत्र नवरात्रि इसलिए खास मानी जा रही हैं क्योंकि इनकी शुरुआत पंचकों की समाप्ति के साथ होगी।
इस दिन से शुरू होंगी नवरात्रि —
पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार इस वर्ष की चैत्र नवरात्रि की शुरुआत बेहद खास होने वाली है। आपको बता दें 2 अप्रैल से नवरात्रि से शुरू होंगी। इस दिन सुबह 10:50 पर पंचक समाप्त होगी। जबकि प्रतिपदा यानि परमा की शुरुआत सुबह सूर्योदय के साथ हो जाएगी। रेवती नक्षत्र में हिन्दु नववर्ष की शुरुआत हो रही है।
इस साल के राजा होंगे शनि —
आपको बता दें चैत्र नवरात्रि से हिन्दु नववर्ष की शुरुआत होने जा रही है। पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार इस साल के राजा शनि होंगे। जो इस साल बारिश के योग बनाएंगे। साथ ही उत्पाद भी मचाएंगे। जब शनि वर्ष के राजा होते हैं तो इस तरह की स्थिति बनती हैं। जबकि मंत्री गुरु होने से वे उनकी अच्छी सलाह काम आएंगी। इस दौरान धार्मिक कार्य बढेंगे।
पुष्य नक्षत्र में मनेंगी नवमीं —
इस साल की खास बातों में सबसे अधिक महत्वूपूर्ण बात ये होने वाली है कि इस साल राम नवमीं पुष्य नक्षत्र में आएगी। कहते हैं भगवान श्रीराम के लिए ये बेहद खास रहने वाली है। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम अधिकतर पुष्य नक्षत्र में ही बाहर निकलते थे। कहते है इसका महत्व श्रीराम की नगरी ओरछा के लिए बेहद खास होने वाला है।
नवरात्रि की खास बातें —
- शनिवार से हो रही है नवरात्रि की शुरुआत
- रेवती नक्षत्र में आएगी परवा?
- नए साल के राजा होंगे शनि
- मंत्री बनेगे गुरु
- पूरे नौ दिन की होंगी चैत्र नवरात्रि
- 2 अप्रैल से 10 अप्रैल तक चलेगी नवरात्रि
- पंचकों की समाप्ति होगी परमा की शुरुआत
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