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Chaitra Navratri 2025: सोनभद्र के वैष्णो मंदिर में 22 सालों से जल रही जम्मू से लाई गई अखंड ज्योति, जानें क्या है रहस्य?

Chaitra Navratri 2025: यूपी के सोनभद्र में वैष्णो माता का मंदिर अपार शक्तियों से भरा है। यहां मंदिर निर्माण से पहले जम्मू स्थित कटरा से लाई गई अखंड ज्योति आज भी उसी तरह जल रही है। मां का दर्शन पूजन करने के लिए नवरात्र के समय 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ होती है। मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई भक्तों की हर मुराद मां वैष्णो पूरी करती हैं।

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Ujjwal Rai
Chaitra Navratri 2025: सोनभद्र के वैष्णो मंदिर में 22 सालों से जल रही जम्मू से लाई गई अखंड ज्योति, जानें क्या है रहस्य?

सोनभद्र से सुभाष पांडेय की रिपोर्ट

Chaitra Navratri 2025: यूपी के सोनभद्र में वैष्णो माता का मंदिर अपार शक्तियों से भरा है। यहां मंदिर निर्माण से पहले जम्मू स्थित कटरा से लाई गई अखंड ज्योति आज भी उसी तरह जल रही है। मां का दर्शन पूजन करने के लिए नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) के समय 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ होती है। मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई भक्तों की हर मुराद मां वैष्णो पूरी करती हैं।

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जम्मू से लाई गई थी अखंड ज्योति

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सोनभद्र के डाला में वाराणसी शक्तिनगर हाईवे के किनारे स्थित वैष्णो माता का मंदिर (Chaitra Navratri 2025), सन 2004 को जम्मू स्थित कटरा से मां वैष्णो की अखंड ज्योति एक सप्ताह में लाई गई थी और शारदीय नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) में मां जगदंबा के सभी विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। जम्मू से लाई गई अखंड ज्योति आज भी उसी तरह जल रही है। यहां पर मां वैष्णो देवी का दर्शन और पूजन करने के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते रहते हैं। मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद मां जरुर पूरी करती हैं।

लोग बताते हैं कि जिस दिन जम्मू के कटरा से अखंड ज्योति डाला स्थित नवनिर्मित मंदिर में लाई गई तो अचानक मौसम बदल गया और एकाएक तेज हवा बादलों की गरज के साथ घनघोर बारिश हुई। जिससे लोगों को एहसास हुआ कि वास्तव में कोई शक्ति का पदार्पण मंदिर में हुआ है।

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मां वैष्णो मंदिर (Chaitra Navratri 2025) के निर्माण में वास्तु कला का विशेष ध्यान रखा गया है। उड़ीसा राज्य से आरकेटेक आरके परेरा द्वारा मंदिर का निर्माण किया गया है। एक बीघा में निर्मित मंदिर तीन मंजिला गुफा वाला है। गुफा का निर्माण प्रवेश द्वार से लेकर 725 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है। वास्तु कला के हिसाब से मंदिर के बीचो-बीच मां वैष्णो देवी हैं। प्रथम तल पर माता महालक्ष्मी द्वितीय तल पर माता नवदुर्गा स्थित हैं। इसके अलावा भगवान शंकर, वीर हनुमान, भैरव बाबा, माता गायत्री और ब्रह्मा जी स्थापित हैं ।

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चमत्कारिक स्थापना: जब मां ने बचाई एक जान!

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मां वैष्णो मंदिर की स्थापना का इतिहास (Chaitra Navratri 2025) एक आश्चर्यजनक घटना पर आधारित है। सन 2001 में चोपन निवासी मदनलाल गर्ग अपने घर से कार द्वारा डाला के बारी क्षेत्र स्थित क्रेशर प्लांट जा रहे थे। अचानक उनकी कार वाराणसी शक्तिनगर मार्ग पर सामने से आ रही ट्रक में जा घुसी। दुर्घटना जबरदस्त थी, जिसे देखकर लोग बड़ी घटना की आशंका व्यक्त कर रहे थे। घंटों प्रयास के बाद जब ट्रक के अंदर से कार को निकाला गया तो कार खोलने पर वह बिल्कुल सुरक्षित निकले। यह घटना देख लोग आश्चर्यचकित हो गए, उस समय उनके मुंह से मां वैष्णो का नाम निकला और सभी लोगों ने मंदिर निर्माण कराए जाने की ठान ली ।

दूरदराज से मंदिर (Chaitra Navratri 2025) में आने जाने वाले श्रद्धालुओं को रुकने के लिए मंदिर परिसर में प्रेक्षागृह और शादी विवाह के आयोजन के लिए अलग-अलग कमरों का निर्माण कराया गया है। इसके साथ ही धर्मशाला भी बनाई है। मंदिर की सुरक्षा और आने-जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर संपूर्ण मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जो 24 घंटे निगरानी करते हैं ।

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