Chaitra Navratri 2024 Hawan Niyam: चैत्र नवरात्रि 2024 शुरू हो गई है। इसी के साथ आज से हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत 2081 भी प्रारंभ हो गया है। नवरात्रि में कई तरीकों से मां दुर्गा की पूजा की जाती है। इन्हीं में से एक है हवन।
नवरात्रि में हवन करने से मां दुर्गा (Maa Durga) प्रसन्न होती है। पर अगर हवन सही तरीके से किया जाए तो आपको इसका फल जल्दी मिलता है।
आज के इस आर्टीकल में हम आपको बताएंगे कि नवरात्रि (Navratri Hawan Niyam) में हवन करने के लिए किन चीजों का उपयोग किया जाना चाहिए, साथ ही जानेंगे कि चैत्र नवरात्रि में हवन करने का सही तरीका क्या है।
किन चीजों से होना चाहिए हवन
ज्योतिषाचार्य पंडित सनत कुमार खंपरिया के अनुसार हवन करते समय तिल, जवा, चावल आदि का उपयोग किया जाता है।
पर इसका उपयोग करने का एक निश्चित (Hawan Samgri ) अनुपात होता है। उसके अनुसार ही इन सामग्रियों का मिश्रण होना चाहिए।
कितने अनुपात में होना चाहिए तिल, जवा, चावल
हवन के लिए उपयोग करने के लिए जितना तिल लिया जाता है उसके अनुपात में , चावल लेते हैं। फिर चावल के आधे अनुपात में जवा, जवा के आधे अनुपात में शकर और शहर के आधे अनुपात में घी डालना चाहिए।
घर पर हवन करने की सबसे सरल विधि
घर पर हवन करने के लिए पूजा के हवन वाले स्थान पर 8 ईंटें जमाकर हवन कुंड बना लें। अगर आप चाहें तो इसके लिए बाजार से बने हवन कुंड (Hawan Kund) का भी उपयोग किया जा सकता है। कोशिश करें कि इसके लिए त्रिभुज आकार के हवन कुंड का उपयोग करें।
हवन करने के पहले जल से पूजन करें। सबसे पहले हवन कुंड के पास धूप-दीप प्रज्वलित करें। फिर कुंड पर स्वास्तिक बनाकर कलावा या नाड़ा बांधें।फिर उसकी पूजा करें। हवन के लिए कुंड में आम की लकड़ी से अग्नि प्रज्वलित करें। इसके बाद इसमें अब हवन कुंड की अग्नि में फल, शहद, घी, काष्ठ इत्यादि पदार्थों की मंत्रों के साथ आहुति दें।
हवन की सामग्री
हवन करने की विभिन्न तरह की लकड़ियों का उपयोग करना चाहिए। इसमें बेल, नीम, पलाश का पौधा, आम की लकड़ियां, कलीगंज, देवदार की जड़, गूलर की छाल और पत्ती, पापल की छाल और तना, बेर, आम की पत्ती और तना, चंदन का लकड़ी, तिल, कपूर, लौंग, चावल, ब्राह्मी, मुलैठी, अश्वगंधा की जड़, बहेड़ा का फल, हर्रे तथा घी, शक्कर, जौ, गुगल, लोभान, इलायची एवं अन्य वनस्पतियों के बूरे का उपयोग किया जाना चाहिए।
हवन के नियम
ज्योतिषाचार्य पंडित खंपरिया के अनुसार हवन के लिए चोकोर, चतुष्कुंड, पद्म कमल आदि आकार के होते हैं, लेकिन मां दुर्गा के लिए
हवन करते समय अपना मुंह किस तरफ होना चाहिए
हवन करते समय अपको कोशिश करना है कि आपका मुंख पूर्व दिशा में होना चाहिए। अगर एक से ज्यादा लोग हवन करने के लिए बैठ रहे हैं तो उनका चेहरा उत्तर दिशा की ओर भी हो सकता है। कोशिश करें कि आप कभी भी दक्षिण दिशा की ओर मुख करके न बैठें।
मां दुर्गा का हवन मंत्र क्या है?
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024) में यदि आप भी मां दुर्गा का हवन मंत्र (Nav Durga Navratri Havan Mantra) करने जा रहे हैं तो इसके लिए आपके हवन का मंत्र (Hawan Mantra) पता होना चाहिए। आप चतुर्थी, पंचमी, अष्टमी और नवमीं को इस मंत्र के साथ हवन करें।
हवन के मंत्र havan ke mantra
ओम गणेशाय नम: स्वाहा
ओम गौरियाय नम: स्वाहा
ओम नवग्रहाय नम: स्वाहा
ओम दुर्गाय नम: स्वाहा
ओम महाकालिकाय नम: स्वाहा
ओम हनुमते नम: स्वाहा
ओम भैरवाय नम: स्वाहा
ओम कुल देवताय नम: स्वाहा
ओम स्थान देवताय नम: स्वाहा
ओम ब्रह्माय नम: स्वाहा
ओम विष्णुवे नम: स्वाहा
ओम शिवाय नम: स्वाहा
ओम जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमस्तुति स्वाहा।
ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा
ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा।
ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते।
इसके बाद नारियल के गोले में लाल कपड़ा या कलावा लपेट दें। फिर सुपारी, पान, बताशा, पूरी, खीर और अन्य प्रसाद को हवन कुंड के बीच में स्थापित कर दें।
पूर्ण आहुति मंत्र का उच्चारण करें
ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा।
यह भी पढ़ें: