नई दिल्ली। Chaitra Navratri 2023 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि की Chaitra Navratri Kalash Sthapna Niyam 2023 शुरुआत हो रही है। इसी के साथ मां की आराधना के साथ ही हिन्दू नववर्ष की शुरुआत हो जाएगी। लोग कलश स्थापना कर पूरे भक्ति भाव के साथ मां की भक्ति में लीन हो जाएंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं नवरात्रि में दुर्गा पूजन में की जाने वाली कलश स्थापना के भी कुछ नियम होते हैं। जिनके अनुसार स्थापना न की जाए तो परिणाम विपरीत हो सकती हैं। तो चलिए पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार जानते हैं कि कलश स्थापना में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
कलश स्थापना के नियम — Chaitra Navratri 2023
घर की पूर्व दिशा में आटे से चौक पूर कर उस पर पाटा रखें। फिर इस पर लाल कपड़रा बिछाकर मां की फोटो रखें।
कलश स्थापना चौकी के ठीक सामनें करें। जिसके लिए एक तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें हल्दी की गांठ, सुपारी, सिक्का और चावल जरूर डालें। इस पर पांच पत्ते आम के डालकर उस पर नारियल रखें।
किस दिशा में रखें दीपक — Chaitra Navratri 2023
कलश स्थापना के बाद देवी जी के बायीं ओर शक्ति यानि तेल का और दाईं ओर शिव यानि घी का दीपक जलाना चाहिए। पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार देवी जी की शक्ति वामांग होती हैं। इसलिए इस दिशा में तेल का दीपक जलाना चाहिए।
भूलकर भी न करें ये काम — Chaitra Navratri 2023
पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार किसी भी पूजन में शुभ काम के लिए एक बाती के उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। फूल बाती के लिए ये नियम चल सकता है। लेकिन जब लंबी वाली बाती का उपयोग पूजन में करते हैं तो भूलकर भी एक बाती का उपयोग नहीं करना चाहिए। एक बाती का उपयोग अशुभ कार्यों में होता है। शुभ कार्य हमेशा दो बाती वाले दीपक के साथ करना चाहिए।
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