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नई दिल्ली। हमारे जीवन में वास्तु हर Chaitra-navratri-2022 तरह से प्रभाव छोड़ता है। फिर चाहे हम घर में रखी जाने वाली वस्तुओं की बात करें या घर के मंदिर में मां की स्थापना की। 2 अप्रैल से मां का पर्व शुरू हो गया है। इसमें भगवान की स्थापना से लेकर प्रसादी तक में वास्तु का ध्यान रखा जाए तो हम मां की विशेष कृपा हासिल कर सकते हैं।
त्योहार की शुरुआत हो स्वास्तिक के साथ
जिस तरह हम दीपावली पर घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाते हैं। ठीक उसी तरह नवरात्री पर भी घर के मुख्य द्वार पर भी हल्दी चावल के मिश्रण से स्वास्तिक चिन्ह बनाकर मां का आगमन करना चाहिए। इसके अलावा मुख्य द्वार पर आम के पत्तों का तोरण सजाएं। घर के प्रवेश द्वार पर लक्ष्मी माता के पैरों के निशान जरूर बनाएं।
चौकी पर हो मां की स्थापना
वास्तु के अनुसार लकड़ी से बने आसन पर माता के मूर्ति स्थापित की जानी चाहिए। ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है। स्थापना से पहले स्वास्तिक का चिन्ह जरूर बनाएं।
उत्तर—पूर्व हो मां की दिशा
मां की स्थापन या उनका आसन वास्तु के अनुसार घर के उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा में होना शुभ माना जाता है। अगर घट स्थापना कर रहे हैं तो वो भी इसी दिशा मेें करें।
आग्नेय कोण में जलाएं अखंड ज्योत
अपनी श्रद्धा अनुसार मां की आराधना में अखण्ड ज्योत जलाई जाती है। लेकिन ध्यान रहे यह ज्योति घर के आग्नेय कोण में जलाई जानी चाहिए। ज्योति के लिए हमेशा शुद्ध घी या सरसो के तेल का उपयोग किया जाना चाहिए।
काले वस्त्रों का उपयोग है वर्जित
मां के पूजन में जहां तक संभव हो लाल वस्त्रों का उपयोग किया जाना चाहिए। इस दौरान काले वस्त्रों का उपयोग नहीं करना चाहिए। मां को लाल रंग पंसद है। अत: मंदिर की सजावट में भी लाल या इससे मिलते—जुलते रंगों का उपयोग करना चाहिए।
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