नई दिल्ली। इस वर्ष 7 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र Navratri 2021 शुरू हो रहे हैं। भक्ति की शक्ति Chaitra Navratri 2022 में भक्त झूमने की पूरी तैयारी में लगे हैं। ऐसे में मां का 16 तरह के श्रृगांरों से मां को सजाया जाएगा। 9 दिनों में श्रद्धालु उपवास रखते हैं और माता के दर्शन के लिए मंदिरों में (Mata Temples) जाकर सुख-शांति के साथ—साथ समृद्धि की कामना करते हैं। माता की पूजा के लिए देवी मां का 16 श्रृंगार किया जाता है। महिलाएं भी देवी मां की पूजा के लिए खूब सजती होती हैं। लेकिन मां के इस 16 श्रृंगार के पीछे का कारण क्या है। आइए जानने की कोशिश करते हैं।
ये हैं 16 श्रृंगार
फूलों का श्रृंगार —
सोलह श्रृंगार में फूलों से श्रृंगार करना बेहद शुभ Navratri 2021 माना जाता है। फूलों की महक मन को ताजगी प्रदान देती है। महिलाएं मां का इससे श्रृंगार को करती ही हैं साथ ही खुद भी फूलों का श्रृंगार करती हैं।
बिंदी से आएगी पॉजिटिव एनर्जी positive energy
माथे पर लगा सिंदूर का टीका, बिंदी शरीर में सकारात्मकता का संचार करता है। ऐसा करना मानसिक शांति तो दिलाता ही है साथ ही इस दिन चंदन का भी टीका लगाया जाता है। सिंदूर का टीका मां को लगाने के साथ खुद भी लगाएं। इसे 16 श्रृंगार का जरूरी अंग माना जाता है।
मेहंदी पहुंचाती है ठंडक mehndi
किसी भी त्योहार पर सुहागिन महिलाओं का श्रृंगार मेहंदी के बिना अधूरा माना जाता है। मेहंदी शरीर को ठंडक तो प्रदान करता ही है साथ ही इससे त्वचा संबंधी रोग भी दूर होते है।
सिंदूर विद्युत ऊर्जा को करता है नियंत्रित sindoor
मांग का सिंदूर सुहागिन की निशानी माना जाता है। मांग का सिंदूर चेहरे की खूबसूरती भी निखारता है। धार्मिक मान्यताओं के साथ—साथ इसका वैज्ञानिक आधार भी हैं। मान्यता है कि मांग का सिंदूर हमारे शरीर की विद्युत ऊर्जा को भी नियंत्रित करता है।
मंगल सूत्र रोकेगा नकारात्मक ऊर्जा mangal sutra
काले मोती का मंगल सूत्र पहनने से ग्रहों की नकारात्मकता रोकने में सहायता मिलती है। ऐसा माना जाता है कि इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। गले में स्वर्ण आभूषण धारण करने से हृदय संबंधी रोगों में आराम लगता है। इससे दिल की धड़कन भी नियंत्रित रहती है। तो वहीं दूसरी ओर मोती चंद्रमा का प्रतिनिधित्व भी करता है। फलस्वरूप यह हमारे मन को चंचल होने से बचाता है।
कानों के कुंडल दूर करेंगे तनाव ear rings
मान्यता है कि कान में पहने जाने वाले आभूषणों से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। इतना ही नहीं कहते हैं कर्ण छेदन से आंखों की रोशनी भी तीव्र होती है। सिर दर्द कम करने में भी इससे सहायता मिलती है।
माथे का सोने का टीका maange teeka
माथे पर स्वर्ण टिका सुंदरता तो बढ़ाता ही है साथ ही इसका वैज्ञानिक आधार भी है।
कंगन से ठीक होगा रक्तचाप bangle
हाथों में कंगन या चूड़ियां पहनने से शरीर में रक्त की चाल सही रहती है। अगर रक्तचाप सही होता है। शरीर में थकान नहीं होती। साथ ही यह हॉर्मोंस को भी बैलेंस्ड रखता है।
बाजूबंद के फायदे bajuband
इसे पहनने से भुजाओं में रक्त प्रवाह ठीक बना रहता है। ऐसा भी माना जाता है कि इसे पहनने से दर्द में आराम मिलता है। साथ ही शरीर की सुंदरता भी बढ़ती है।
कमरबंद दूर करेगा उदर विकार kamarband
श्रृंगारों में कमरबंद का भी बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इसे पहनने से उदर विकारों में आराम मिलता है।
पायल संरक्षित करेगी ऊर्जा payal
पायल पहनने से पैरों से निकलने वाली शारीरिक विद्युतीय ऊर्जा शरीर में संरक्षित रहती है। इतना ही नहीं ऐसा भी माना जाता है किस इससे पैरों की हड्डियां भी मजबूत होती हैं।
बिछिया bochhiya
मांग के सिंदूर की तरह ही बिछिया भी सुहाग की प्रमुख निशानी है। माना जाता है। ये केवल पैरों की सुंदरता नहीं बढ़ाता बल्कि नर्वस सिस्टम तथा मांसपेशियां को भी मजबूत रखता है।
नथनी nosepin
नथनी भी 16 श्रृंगार का प्रमुख अंग है। इसके वैज्ञानिक महत्व की बात की जाए तो नाक में स्वर्ण का तार या आभूषण पहनने से महिलाओं में दर्द सहन करने की क्षमता बढ़ती है।
अंगूठी finger ring
अंगूठी पहनना शरीर में रक्त के संचार को नियंत्रित रखता है। ये हाथों की सुंदरता को बढ़ाता है। अंगूठी पहनने से शरीर को आलस कम आता है।
काजल kajal
काजल आंखों की सुरंदता को तो बढ़ाता ही है साथ ही वहीं आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी मददगार होता है। काजल का उपयोग नेत्र संबंधी रोगों में भी फायदेमंद होता है।
मेकअप makeup
मेकअप से चेहरे की सुंदरता बढ़ती है। साथ ही महिलाओं के आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है। उनमें एनर्जी भी बनाए रखता है।
नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। इस पर अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ से सलाह ले लें। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता।