CGPSC Scam Case Update: छत्तीसगढ़ के पीएससी घोटाला (Chhattisgarh PSC Scam) मामले में नया अपडेट सामने आया है। मामले में 5 आरोपियों को 2 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। इनमें CGPSC के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के बेटे नीतेश सोनवानी, भतीजे साहिल सोनवानी और बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल के बेटे शशांक गोयल, बहू भूमिका कटियार और तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर शामिल हैं।
सभी आरोपी 2 दिन रायपुर सेंट्रल जेल में रहेंगे। सोमवार को कोर्ट में पेशी के बाद सीबीआई को इन आरोपियों की 15 जनवरी तक के लिए रिमांड मिल गई है।
शशांक डिप्टी कलेक्टर और भूमिका डीएसपी पद पर चयनित
मामले में सीबीआई ने रविवार को टामन सोनवानी के भतीजे साहिल सोनवानी, डिप्टी कलेक्टर पद पर सिलेक्ट शशांक गोयल और भूमिका कटियार को गिरफ्तार किया गया था। नितेश का DC पद पर सिलेक्शन हुआ था उसे 7वीं रैंक मिली थी। CBI ने पूछताछ के बाद तीनों आरोपियों को रायपुर कोर्ट में पेश किया था। जहां CBI को कोर्ट से एक दिन की ज्यूडिशियल रिमांड मिली है। बचाव पक्ष के वकील गणेश गिरी गोस्वामी ने यह जानकारी दी है।
दो दिन में पांचवीं गिरफ्तारी
मामले में 2 दिन में ये पांचवीं गिरफ्तारी है। इससे पहले टामन सिंह सोनवानी के बेटे नीतेश सोनवानी और तत्कालीन डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गणवीर को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने दोनों को शनिवार को आज (सोमवार) तक के लिए CBI रिमांड पर सौंपा था। वहीं टामन सोनवानी और बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल पहले से जेल में बंद हैं।
गिरफ्तार आरोपियों के बारे में जानिए
CGPSC केस में अरेस्ट आरोपी साहिल सोनवानी टामन सोनवानी के भतीजे हैं। इनका DSP की पोस्ट पर चयन हुआ है। वहीं शशांक गोयल बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल बेटे और भूमिका कटियार उनकी बहू हैं। दोनों का डिप्टी कलेक्टर के पोस्ट पर सिलेक्शन हुआ है।
7वीं रैंक पर रहा था नीतेश सोनवानी
सरबदा निवासी नितेश सोनवानी तत्कालीन चेयरमैन टामन सोनवानी के भतीजे हैं, जिन्हें टामन अपने बेटे की तरह मानते हैं। वह टामन के साथ ही रहते थे। पीएससी 2021 में नितेश का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ था। सूची में नितेश को 7वां रैंक मिली थी।
क्या यह भी एक साजिश ?
हालांकि, चयन सूची में सिर्फ कैंडिडेट्स का नाम लिखा हुआ है। उसका सरनेम नहीं लिखा है। पीएससी की सूची में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी कैंडिडेट्स का सिर्फ नाम लिखा गया है। उसके नाम के आगे और पीछे कुछ नहीं लिखा हुआ है।
गिरफ्तार हुए लोगों पर ये आरोप
नीतेश सोनवानी और डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गणवीर पर आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी ने विवाद से बचने और पहचान छिपाने के लिए नीतेश का सरनेम नहीं आने दिया है। उसे छिपाकर रखा, जबकि नीतेश के दस्तावेजों में उसका सरनेम लिखा हुआ था।
बता दें कि पीएससी 2021 के 18 कैंडिडेट्स के चयन पर विवाद है, जिसमें ज्यादातर अधिकारियों और नेताओं के रिश्तेदार शामिल हैं।
CBI को पर्चा लीक होने का शक
मामले की जांच कर रही एजेंसी CBI को PSC 2021 का पर्चा लीक होने का शक है। सीबीआई को PSC दफ्तर से जब्त दस्तावेज की जांच के दौरान अहम सबूत मिले हैं। उसके बाद तत्कालीन डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गणवीर को गिरफ्तार किया गया है। ललित गणवीर टामन सोनवानी का काफी करीबी था।
इससे पहले में CBI ने एग्जाम कंट्रोलर आरती वासनिक से भी लंबी पूछताछ की है। उनके मकान की तलाशी भी ली गई है। बीच-बीच में भी उनसे पूछताछ की जा रही है और सबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं।
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क्या CGPSC घोटाले ?
CGPSC 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ कैंडिडेट्स के चयन को लेकर विवाद है। EOW और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में केस दर्ज किया है। PSC ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी। इन्हीं भर्तियों को लेकर ज्यादा विवाद है।
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की मनमानी करते हुए नौकरी लगवाई है।
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