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CGPSC Scam: पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी और कारोबारी गोयल अभी जेल में ही रहेंगे, कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड बढ़ाई

CGPSC Scam: पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी और कारोबारी गोयल अभी जेल में ही रहेंगे, कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड बढ़ाई

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Harsh Verma
CGPSC Scam

CGPSC Scam: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की 2021 राज्य सेवा भर्ती परीक्षा में कथित घोटाले के मामले में CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर इस्पात के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल जेल में बंद हैं।

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आज शुक्रवार को दोनों आरोपियों को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उनकी 14 दिन की रिमांड बढ़ा दी। सीबीआई ने इन दोनों को 18 नवंबर को गिरफ्तार किया था।

क्या है पूरा मामला?

सीबीआई की जांच में यह खुलासा हुआ है कि श्रवण कुमार गोयल, जो ‘बजरंग पावर एवं इस्पात लिमिटेड’ के निदेशक हैं, अपने बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार को डिप्टी कलेक्टर बनाने के लिए 45 लाख रुपये की रिश्वत दी थी। यह रकम दो किस्तों में 20 लाख और 25 लाख रुपये के रूप में ग्रामीण विकास समिति के माध्यम से दी गई थी।

शशांक गोयल और भूमिका कटियार कांग्रेस नेता सुधीर कटियार के दामाद और बेटी हैं। 2021 के CGPSC परिणामों में शशांक ने तीसरी रैंक और भूमिका ने चौथी रैंक प्राप्त की थी।

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[caption id="" align="alignnone" width="564"]publive-image पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी और कारोबारी श्रवण गोयल[/caption]

CGPSC घोटाले में अब तक क्या कार्रवाई हुई?

11 मई 2023 को CGPSC 2021 का अंतिम परिणाम जारी हुआ, जिसमें 15 अभ्यर्थी डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुए। इस परीक्षा में शशांक गोयल ने तीसरी रैंक और उनकी पत्नी भूमिका कटियार ने चौथी रैंक हासिल की।

उनके चयन में फर्जीवाड़े के आरोप लगे, और तब के CGPSC चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी पर यह आरोप लगाया गया कि उन्होंने अपने रिश्तेदारों और कांग्रेस नेताओं के करीबी लोगों को फायदा पहुंचाया।

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इन आरोपों के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जांच कराने से मना कर दिया, जिससे भाजपा नेताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट ने 18 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी।

विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान भाजपा ने इसे प्रमुख मुद्दा बनाकर प्रदर्शन किया। भाजपा की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मामले की जांच का जिम्मा EOW और ACB को सौंपा, और बाद में इसे सीबीआई को भेजा गया।

CGPSC घोटाले में पूर्व सरकार के कार्यकाल में हुई गड़बड़ी के मामले में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को 48 शिकायतें की गई। भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी के आरोप में टामन सिंह सोनवानी और अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, और सीबीआई ने इस मामले में टामन सिंह सोनवानी और श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया।

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