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CGPSC घोटाला: CBI की छापेमारी में कई अहम सुराग मिले, भर्ती में हुई गड़बड़ी के प्रमाण मिले

CGPSC Scam: CGPSC घोटाला, CBI की छापेमारी में कई अहम सुराग मिले, भर्ती में हुई गड़बड़ी के प्रमाण मिले

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Harsh Verma
CGPSC Bharti Scam: पीएससी घोटाले की CBI ने शुरू इन्‍वेस्टीगेशन, फॉरेंसिक लैब में होगी इन दस्‍तावेजों की जांच

हाइलाइट्स

  • CBI ने सीजीपीएससी भर्ती घोटाले में मारी पांच जगहों पर रेड
  • सीबीआई ने छापेमारी में जब्त किए कई दस्तावेज
  • दस्तावेजों में भर्ती में हुई गड़बड़ी के प्रमाण मिले
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CGPSC Scam: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले की जांच में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार को एक अहम कार्रवाई की। जांच एजेंसी ने रायपुर जिले में तीन और महासमुंद जिले में दो ठिकानों पर छापा मारा।

ये छापे उन लोगों के यहां डाले गए जो इस भर्ती घोटाले में संदिग्ध माने जा रहे हैं। सीबीआई को इन जगहों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और तकनीकी सबूत हाथ लगे हैं। एजेंसी का कहना है कि इस मामले में दलाल, पेपर सॉल्वर और परीक्षा में अनुचित फायदा पाने वाले लोग शामिल हैं।

2020 से 2022 की भर्ती प्रक्रिया में अपनों को दिया गया फायदा

CBI द्वारा दर्ज मामले के अनुसार, साल 2020 से 2022 के बीच डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे उच्च पदों पर भर्ती में अनियमितताएं हुई थीं। परीक्षाओं और इंटरव्यू के दौरान योग्य उम्मीदवारों की अनदेखी कर नजदीकी रिश्तेदारों और रसूखदारों को चयनित किया गया।

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यह केस छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर सीबीआई को सौंपा गया था। इससे पहले इन मामलों की FIR स्थानीय पुलिस के पास दर्ज थी। सीबीआई ने जांच अपने हाथ में लेने के बाद कई बिंदुओं पर गंभीरता से पड़ताल की है।

पूर्व चेयरमैन टामन सिंह और स्टील कंपनी के डायरेक्टर की गिरफ्तारी

जांच के दौरान 18 नवंबर 2024 को सीबीआई ने तत्कालीन CGPSC अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी (Taman Singh Sonwani) को गिरफ्तार किया।

उनके साथ ही रायपुर स्थित बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड (Bajrang Power & Ispat Ltd.) के तत्कालीन निदेशक श्रवण कुमार गोयल (Shravan Kumar Goyal) को भी गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि टामन सिंह ने अपने रिश्तेदारों और राजनीतिक संपर्कों के बल पर चयन प्रक्रिया में भारी हेरफेर की।

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नितेश, शशांक, साहिल समेत कई करीबी रिश्तेदार भी हुए गिरफ्तार

CBI ने 10 जनवरी 2025 को पांच और अभियुक्तों को हिरासत में लिया। इनमें चेयरमैन टामन सिंह के भतीजे और डिप्टी कलेक्टर चयनित नितेश सोनवानी (Nitesh Sonwani), तत्कालीन डिप्टी परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर (Lalit Ganveer) शामिल हैं।

इसके अलावा 12 जनवरी 2025 को डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित शशांक गोयल (Shashank Goyal), भूमिका कटियार (Bhumika Katiyar) और डिप्टी एसपी चयनित साहिल सोनवानी (Sahil Sonwani) को भी गिरफ्तार किया गया।

CBI ने 16 जनवरी 2025 को रायपुर की विशेष अदालत में इस घोटाले से जुड़े सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। एजेंसी ने बताया कि अन्य अभ्यर्थियों की भूमिका की जांच अब भी जारी है।

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चयन प्रक्रिया में गड़बड़ियों की शिकायतों के बाद खुला मामला

CGPSC की 2019 से 2022 तक की भर्ती प्रक्रियाओं में कई अभ्यर्थियों के चयन पर सवाल उठे थे। ईओडब्ल्यू (EOW) और अर्जुंदा पुलिस (Arjunda Police) ने भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोपों में मामला दर्ज किया था।

आयोग ने 2020 में 175 पदों और 2021 में 171 पदों के लिए परीक्षा ली थी। 13 फरवरी 2022 को हुई प्रारंभिक परीक्षा में 2,565 अभ्यर्थी पास हुए थे।

26 से 29 मई 2022 के बीच आयोजित मुख्य परीक्षा में 509 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए। इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 चयनित अभ्यर्थियों की अंतिम सूची जारी हुई। आरोप है कि इन चयनितों में कई नाम ऐसे हैं, जो कांग्रेस नेताओं, नौकरशाहों और आयोग के चेयरमैन के रिश्तेदार हैं।

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