CGPSC Recruitment Controversy: छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन (CGPSC) भर्ती घोटाले के मामले में CBI ने पूर्व CGPSC चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया है। सोमवार को दोनों आरोपियों को CBI ने गिरफ्तार किया और उन्हें विशेष अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें सात दिन की रिमांड पर भेज दिया गया।
आरोप है कि गोयल ने अपने बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका को सरकारी नौकरी दिलाने के लिए सोनवानी के करीबी के एक NGO को CSR फंड से 45 लाख रुपये दिए थे। इस पैसे का लेन-देन सोनवानी तक पहुंचने की पुष्टि के बाद CBI ने कार्रवाई की।
सोनवानी और गोयल के वकीलों का दावा – कोई निजी लेन-देन नहीं हुआ
सोनवानी और गोयल के वकीलों ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह गिरफ्तारी केवल परेशान करने के उद्देश्य से की गई है। उनके अनुसार, कंपनी ने CSR फंड के तहत NGO को 45 लाख रुपये दिए, जो सोनवानी की पत्नी द्वारा संचालित है। वकीलों ने यह भी कहा कि इसमें कोई निजी लेन-देन नहीं हुआ है और जो आरोप लगाए गए हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं।
VIP रिश्तेदारों को नौकरी दिलाने का आरोप
सीबीआई के अनुसार, सोनवानी के कार्यकाल के दौरान CGPSC में भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं। आरोप है कि सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों, कांग्रेस नेताओं और अधिकारियों के करीबियों को सरकारी नौकरी दिलवाने के लिए गलत तरीके अपनाए। जांच में इन आरोपों के पक्ष में पैसे के लेन-देन के ठोस प्रमाण मिले हैं। साथ ही, कुछ नेताओं और अधिकारियों के बच्चों को डिप्टी कलेक्टर और DSP जैसे उच्च पदों पर नियुक्त किया गया था।
कुछ और अधिकारी हो सकते हैं गिरफ्तार
सीबीआई ने यह भी कहा कि भर्ती घोटाले में सोनवानी और गोयल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आरोप है कि गोयल ने कई अधिकारियों से बड़े पैमाने पर लेन-देन किया। सीबीआई के मुताबिक, इस मामले में जल्द ही और खुलासे हो सकते हैं, और आने वाले समय में कुछ और अधिकारियों की गिरफ्तारी हो सकती है।
CBI की जांच में VIP रिश्तेदारों के चयन पर सवाल
सीबीआई ने इस बारे में कहा कि 2020 से 2022 के बीच डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे पदों पर कुछ VIP लोगों के रिश्तेदारों को चयनित किया गया था, जिस पर सवाल उठाए गए थे। इन आरोपों के आधार पर सीबीआई ने मामला दर्ज किया और जांच जारी रखी है।
क्या है CGPSC भर्ती घोटाला विवाद?
CGPSC 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ उम्मीदवारों के चयन को लेकर विवाद उठा है। EOW (इकोनॉमिक ऑफेन्स विंग) और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप में केस दर्ज किया है।
CGPSC ने 2020 में 175 और 2021 में 171 पदों के लिए परीक्षा ली थी। इन भर्तियों के दौरान यह आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेताओं और अफसरों के बच्चों को इन पदों पर चयनित करवाया।