Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बोंडेड डॉक्टर्स (Bonded Doctors) के लिए उच्च शिक्षा की राह अब और कठिन हो गई है। सरकार द्वारा NOC (No Objection Certificate) जारी करने के लिए 25 से 50 लाख रुपये की संपत्ति गिरवी रखने या बैंक जमानत देने की शर्त रखी गई है। इस नियम को लेकर छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन (CGDF) ने कड़ा विरोध जताया है और इसे तुरंत समाप्त करने की मांग की है।
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फेडरेशन का विरोध और तर्क
सीजीडीएफ (CGDF) का कहना है कि यह कठोर शर्त युवा और मेधावी डॉक्टरों के सपनों को तोड़ रही है। डॉक्टरों ने अभी-अभी अपनी पढ़ाई पूरी की होती है और उनके पास इतनी बड़ी आर्थिक क्षमता नहीं होती कि वे बैंक गारंटी या संपत्ति गिरवी रख सकें। ऐसे में उच्च शिक्षा के लिए आगे बढ़ना उनके लिए लगभग असंभव हो जाता है।
स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर असर
फेडरेशन ने कहा कि अगर इस शर्त को नहीं हटाया गया तो इसका सीधा असर राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं (Health Services) की गुणवत्ता पर पड़ेगा। डॉक्टर नवीनतम चिकित्सा ज्ञान और तकनीकी प्रशिक्षण से वंचित रह जाएंगे, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पाएगा।
छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन (CGDF) ने सुझाव दिया है कि सरकार बोंड समझौते की शर्तों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक उपाय अपना सकती है। इसके लिए कानूनी शपथ पत्र (Legal Affidavit) लिया जा सकता है, जो व्यावहारिक और न्यायसंगत समाधान होगा।
ज्ञापन और पोस्टकार्ड अभियान
फेडरेशन ने राज्य के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को ज्ञापन सौंपा है। इसके अलावा, सीजीडीएफ टीम ने “पोस्ट कार्ड अभियान” शुरू किया है, जिसके जरिए बोंडेड डॉक्टर्स अपनी बात सरकार तक पहुंचा रहे हैं। संगठन ने सरकार से अपील की है कि इस कठोर नियम को तत्काल प्रभाव से खत्म कर डॉक्टर-हितैषी नीति लागू की जाए।
राज्य के डॉक्टरों की आवाज
छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन (CGDF) राज्य के डॉक्टरों के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रमुख संस्था है। यह संगठन लंबे समय से चिकित्सा पेशेवरों के कल्याण और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है।