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छत्‍तीसगढ़ केवई-हसदेव नदी जोड़ो परियोजना: मनेंद्रगढ़ समेत चार पंचायतों में जारी रहेगा जल संकट, 115 करोड़ की योजना पर रोक

Chhattisgarh Manendragarh Water Crisis; छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी केवई-हसदेव नदी जोड़ो परियोजना पर ग्रहण लग गया है। इसकी फाइल में कई तकनीकी आपत्तियां सामने आई है

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Sanjeet Kumar
CG Water Crisis

CG Water Crisis

हाइलाइट्स 

115 करोड़ की परियोजना पर लगाई रोक 

तकनीकी कमी के चलते वापस हुई फाइल 

इस प्रोजेक्‍ट से मिलना है किसानों को लाभ

CG Water Crisis: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी केवई-हसदेव नदी जोड़ो परियोजना (CG Water Crisis) पर ग्रहण लग गया है। इसकी फाइल में कई तकनीकी आपत्तियां सामने आई है, इसके चलते इसे वापस लौटा दिया है। इस 115 करोड़ रुपये की बहुउद्देशीय जल परियोजना का उद्देश्य मनेंद्रगढ़ से निकलने वाली केवई नदी को नहर के माध्यम से हसदेव नदी से जोड़ना है।

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यह योजना पूरी होने पर मनेंद्रगढ़ सहित चार नगर पंचायतों को अगले 40 वर्षों तक पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। साथ ही, कोरबा जिले की बांगो जलाशय परियोजना को भी अतिरिक्त जल प्राप्त होगा। हालांकि अभी मनेंद्रगढ़ (CG Water Crisis) समेत चार नगर पंचायतों को जल संकट से निजात नहीं मिलेगी।

CG Water Crisis Kevai River

पुनर्विचार के लिए वापस भेजा

जल संसाधन विभाग द्वारा प्रस्तुत डिजाइन में कुछ तकनीकी खामियां पाई (CG Water Crisis) गईं, जिसके कारण शासन ने इसे पुनर्विचार के लिए वापस भेज दिया है। अब विभाग इन कमियों को दूर कर नए प्रस्ताव के साथ फिर से स्वीकृति हेतु आवेदन करने की तैयारी कर रहा है।

मनेंद्रगढ़ के लिए क्‍यों है यह नदी खास

केवई नदी छत्तीसगढ़ के अविभाजित कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ विकासखंड स्थित ग्राम बैरागी की पहाड़ियों से निकलती है और मध्य प्रदेश की ओर बहती है। छत्तीसगढ़ (CG Water Crisis) में 39 किलोमीटर तक बहती है। इसका जलग्रहण क्षेत्र 459.34 वर्ग किलोमीटर है। प्रस्तावित परियोजना स्थल पर नदी की लंबाई 21 किलोमीटर है, जिसका जलग्रहण क्षेत्र 147.25 वर्ग किलोमीटर है। शेष 18 किलोमीटर का हिस्सा निस्तार हेतु सुरक्षित रखा गया है। इस परियोजना के बाद इलाके को बंपर पानी मिलेगा।

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CG Water Crisis Kevai-hasdev river

क्यों जरूरी है यह परियोजना?

केवई नदी का 15-20 क्यूसेक पानी मध्य प्रदेश की ओर बह जाता है, जिसका छत्तीसगढ़ में कोई उपयोग नहीं हो पाता।

इस परियोजना से प्रतिमाह 0.231 मिलियन घन मीटर पानी (CG Water Crisis) हसदेव नदी में छोड़ा जाएगा।

मनेंद्रगढ़, नई लेदरी, खोंगापानी और झगराखांड जैसे क्षेत्रों को दीर्घकालिक पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

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किसानों और ग्रामीणों को पर्याप्‍त पानी मिल सकेगा। इससे किसानों को खेती करने में आसानी होगी।

परियोजना को क्‍यों खास माना जा रहा

  1. नहर निर्माण और जल संचयन

51 किलोमीटर लंबी नहर/पाइपलाइन बनाई जाएगी।

स्टॉपडेम कम रपटा का निर्माण (CG Water Crisis) ग्राम ताराबहरा के निकट किया जाएगा।

नहर के माध्यम से केवई नदी का पानी हसिया नदी के कैचमेंट एरिया (ग्राम रतौरा) से होते हुए हसदेव नदी में मिलाया एगा।

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  1. सिंचाई सुविधा

मनेंद्रगढ़ के पांच गांवों—रोकड़ा, लोहारी, महाई, मटुकपुर और पुटाडांड की 500 हेक्टेयर (1235 एकड़) कृषि भूमि को लिफ्ट इरिगेशन से सिंचाई सुविधा मिलेगी।

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  1. इसलिए जरूरी पेयजल आपूर्ति

वर्तमान में मनेंद्रगढ़-झगराखांड जल (CG Water Crisis) प्रदाय योजना हसदेव नदी पर निर्भर है।

नई परियोजना से नगर पंचायत नई लेदरी और खोंगापानी को भी पेयजल मिलेगा।

इन तकनीकी कमियों को करना होगा पूरा

अंतरराज्यीय जल बंटवारे (CG Water Crisis) से संबंधित स्पष्टता का अभाव।

पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA) रिपोर्ट में कुछ खामियां।

नहर डिजाइन और जल प्रवाह गणना में संशोधन की आवश्यकता।

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CG Kewai Hasdev River Project Manendragarh Water Crisis
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