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रायपुर में अर्बन नक्सल नेटवर्क का खुलासा: कोरबा से एक और नक्सली गिरफ्तार, चंगोराभाठा केस से जुड़ रहा है कनेक्शन

CG Urban Naxal Network: रायपुर में पकड़े गए नक्सली दंपति के बाद कोरबा से एक और नक्सली रामा इचा गिरफ्तार। शहरी इलाकों में नक्सली नेटवर्क की जड़ें गहराई तक फैलीं।

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Shashank Kumar
CG Urban Naxal Network

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हाइलाइट्स

  • कोरबा से नक्सली रामा गिरफ्तार

  • झुग्गियों में छिपे थे नक्सली

  • पैसों का लेन-देन भी उजागर

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CG Urban Naxal Network: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से हाल ही में गिरफ्तार किए गए नक्सली दंपति के बाद अब स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने कोरबा से एक और नक्सली को गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम रामा इचा है, जो कोयला खदान में मजदूर के रूप में काम करता था, लेकिन उसकी असली पहचान अब सामने आई है। वह नक्सली नेटवर्क का हिस्सा था और रायपुर में पकड़े गए जग्गू कुरसम उर्फ रमेश और उसकी पत्नी कमला कुरसम के सीधे संपर्क में था।

https://twitter.com/BansalNews_/status/1972194237908504595

कोरबा में काम करने वाला ‘स्लीपर सेल’

रामा इचा की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि नक्सली संगठन अब केवल जंगलों में ही नहीं, बल्कि शहरी इलाकों में भी स्लीपर सेल के रूप में सक्रिय हैं। रामा न केवल मजदूर संगठनों में सक्रिय था, बल्कि वह आर्थिक और लॉजिस्टिक सपोर्ट के रूप में नक्सल नेटवर्क को शहरी आधार देने में भी लगा हुआ था। एसआईए की तकनीकी जांच में सामने आया है कि रामा का जग्गू दंपति से पैसों का लेन-देन भी हुआ था, और वह कई बार उनसे मिलने रायपुर आया था।

झुग्गियों से चला रहा था नक्सल नेटवर्क

जग्गू कुरसम और उसकी पत्नी कमला कुरसम पिछले कई वर्षों से रायपुर के विभिन्न इलाकों में ठिकाना बदलते रहे—चंगोराभाठा, बीरगांव, रायपुरा, उरकुरा से लेकर सिलतरा तक। वे किसी एक स्थान पर तीन महीने से अधिक नहीं टिकते थे। जांच में यह भी सामने आया है कि जग्गू ने रायपुर के झुग्गी बस्तियों में कई बड़े नक्सल नेताओं को पनाह दी थी और उन्हें सुरक्षित जगह उपलब्ध कराई थी।

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[caption id="attachment_903945" align="alignnone" width="1141"]CG Urban Naxal Network CG Urban Naxal Network[/caption]

शहरी आबादी में गहराई तक फैला नक्सल नेटवर्क

यह खुलासा केवल एक गिरफ्तारी भर नहीं है, बल्कि यह इस बात का संकेत है कि नक्सली नेटवर्क अब बस्तर के जंगलों से निकलकर शहरों की गली-कूचों में गहराई तक घुस चुका है। एसआईबी, एसआईए और डीडी नगर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में इस गिरोह का एक बड़ा हिस्सा उजागर हुआ है। नक्सली दंपति जग्गू और कमला के रायपुर में तीन-चार साल से लगातार रहने और मजदूरी जैसे कार्यों में शामिल होने की आड़ में वे अपनी गतिविधियों को छिपा रहे थे।

जांच में खुलासा हुआ है कि जग्गू ने कभी सुरक्षा गार्ड का काम किया, तो कभी पोल्ट्री फार्म में मजदूरी की, तो कभी निर्माणाधीन मकानों में काम कर शहर के अलग-अलग इलाकों में रहता रहा। यह पूरी रणनीति थी ताकि वे पुलिस या खुफिया एजेंसियों की निगरानी से बच सके। उसका मूवमेंट भिलाई, बिलासपुर और कोरबा तक फैला हुआ था।

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पूछताछ में और नाम आ सकते हैं सामने

रामा इचा को गिरफ्तार कर एसआईए ने बिलासपुर NIA कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। अब तक छह संदिग्धों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से दो को हिरासत में लिया गया है। सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में और बड़े चेहरे सामने आ सकते हैं, जो इस अर्बन नक्सल नेटवर्क से जुड़े हुए हैं।

इस केस से यह बात पूरी तरह स्पष्ट हो गई है कि नक्सली संगठन अब केवल बस्तर की सीमा तक सीमित नहीं हैं। वे अब शहरों की झुग्गियों, मजदूर कॉलोनियों और निम्न आय वर्ग के क्षेत्रों में अपने ठिकाने बना चुके हैं। यह न केवल सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी एक गंभीर चुनौती है।

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