CG Transfer Order Controversy: छत्तीसगढ़ के वाणिज्य कर विभाग में प्रशासनिक लापरवाही का ऐसा उदाहरण सामने आया है जिसने शासन की गंभीरता और प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल ही में जारी किए गए तबादला आदेश में न सिर्फ एक मृत कर्मचारी का नाम शामिल किया गया, बल्कि एक ऐसी महिला अधिकारी का भी स्थानांतरण कर दिया गया जो पहले ही महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत हैं। इस घटना ने सरकारी तंत्र की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
छह महीने पहले मर चुके कर्मचारी का नाम भी सूची में
ट्रांसफर सूची में उस कर्मचारी का नाम शामिल किया गया जिसकी मृत्यु छह माह पहले हो चुकी है। जैसे ही सूची सार्वजनिक हुई, इस गलती की ओर ध्यान गया और सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं। विभागीय अधिकारियों को भी तब तक इस गलती का अंदाजा नहीं था।
दूसरे विभाग में पदस्थ अधिकारी को भी कर दिया गया ट्रांसफर
ट्रांसफर आदेश में एक महिला अधिकारी का नाम भी था, जिनका कुछ समय पहले ही महिला एवं बाल विकास विभाग में ट्रांसफर हो चुका है। इसके बावजूद वाणिज्य कर विभाग ने उन्हें फिर से अपने विभाग में स्थानांतरित कर दिया, जिससे साफ होता है कि आदेश बिना समुचित सत्यापन के जारी किया गया है।
मुख्यमंत्री समन्वय से जारी हुई सूची में क्यों शामिल हुआ वाणिज्य कर विभाग?
यह मामला इसलिए भी गंभीर हो जाता है क्योंकि ट्रांसफर सूची मुख्यमंत्री समन्वय से स्वीकृत बताई जा रही है, जबकि स्थानांतरण नीति 2025 में वाणिज्य कर विभाग को इस सूची में शामिल ही नहीं किया गया था। इसका मतलब यह है कि या तो प्रक्रिया को दरकिनार किया गया या फिर सिस्टम में कोई बड़ी चूक हुई है।
ऐसे कार्यालयों में ट्रांसफर, जो अस्तित्व में ही नहीं हैं
इस लापरवाही की हद यहीं नहीं रुकी। ट्रांसफर सूची में कुछ अधिकारियों को ऐसे स्थानों पर भेजा गया है, जहां वाणिज्य कर विभाग का कोई कार्यालय ही मौजूद नहीं है। इसके अलावा, ट्रांसफर पॉलिसी में स्पष्ट 10% सीमा नियम का भी उल्लंघन किया गया है।
कर्मचारियों में आक्रोश, न्यायालय जाने की चेतावनी
इस पूरे घटनाक्रम से कर्मचारियों में भारी असंतोष है। उनका कहना है कि बिना किसी मानवीय और प्रशासनिक सोच के तबादला आदेश जारी कर दिए जा रहे हैं, जिससे उनकी पारिवारिक और मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है। कुछ कर्मचारियों ने इस आदेश के खिलाफ कोर्ट का रुख करने की चेतावनी दी है।
फजीहत के बाद जारी हुआ संशोधित आदेश
मीडिया और सोशल मीडिया में भारी आलोचना के बाद विभाग ने संशोधित तबादला आदेश जारी तो कर दिया, लेकिन तब तक यह मामला सरकार की छवि को गहरा नुकसान पहुंचा चुका था। अब यह देखने वाली बात होगी कि सरकार इस पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई करती है या नहीं।