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Chhattisgarh Tourism: गर्मी की छुट्टियों में जाएं छत्‍तीसगढ़ के कश्‍मीर, प्राकृतिक सौंदर्य; रहस्‍य-रोमांच से भरपूर जगह

Chhattisgarh Tourism: छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बहुल राज्य है, जो नक्सल प्रभावित होने के बावजूद प्राकृतिक सौंदर्य और संपदा से भी भरपूर है। यहां एक से बढ़कर एक प्राकृतिक और रहस्य-रोमांच से भरे पर्यटन स्थल हैं।

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Sanjeet Kumar
Chhattisgarh Tourism

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हाइलाइट्स 

कोरबा में है छत्‍तीसगढ़ का कश्‍मीर 

गर्मी में भी हराभरा रहता है इलाका 

ट्रैकिंग के लिए भी सबसे खास जगह

Chhattisgarh Tourism: छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बहुल राज्य है, जो नक्सल प्रभावित होने के बावजूद प्राकृतिक सौंदर्य और संपदा से भी भरपूर है। यहां एक से बढ़कर एक प्राकृतिक और रहस्य-रोमांच से भरे पर्यटन स्थल हैं। कोरबा (Chhattisgarh Tourism) जिला भी हरियाली और पहाड़ियों से घिरा एक ऐसा ही इलाका है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। ऐसे में आब आने वाली गर्मी की छुट्टियों में छत्‍तीसगढ़ में घूमना चाहते हैं और भीषण गर्मी में कश्‍मीर जैसे नजारों का आनंद लेना चाहते हैं तो आपके लिए यह बड़ा छत्‍तीसगढ़ की यह जगह खास है।

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कोरबा जिले में मैकाल पर्वत श्रेणी की सबसे ऊंची चोटियों में से एक चैतुरगढ़ स्थित है, जिसे ‘छत्तीसगढ़ का कश्मीर’ भी कहा जाता है। यह स्थान प्रकृति की गोद में ऊंचे पहाड़ पर स्थित है और यहां का मौसम गर्मी के दिनों में भी सुहावना रहता है।

मां महिषासुर मर्दिनी मंदिर

[caption id="attachment_773293" align="alignnone" width="613"]Maa Mahishasur Mardini Temple महिषासुर मर्दिनी मंदिर में जाने का रास्‍ता (फाइल फोटो)[/caption]

चैतुरगढ़ में स्थित मां महिषासुर मर्दिनी मंदिर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Tourism) आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इतनी ऊंचाई पर होने के कारण गर्मी के दिनों में भी यहां का तापमान 30 डिग्री से ऊपर नहीं जाता। मंदिर के आसपास का वातावरण शांत और ठंडा रहता है, जो भक्तों और पर्यटकों को सुकून प्रदान करता है।

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चैतुरगढ़ का ऐतिहासिक किला

चैतुरगढ़ का किला छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Tourism) के 36 किलों में से एक है। इसका निर्माण 1069 ईसवीं में राजा पृथ्वीदेव प्रथम ने करवाया था। यह किला सुरक्षा की दृष्टि से चट्टानों से बनाया गया था और इसे देश के सबसे मजबूत प्राकृतिक किलों में से एक माना जाता है। किले के भीतर जाने के लिए तीन मुख्य द्वार हैं: सिंहद्वार, मेनका और ओमकारा द्वार।

प्राकृतिक सौंदर्य और ट्रैकिंग

[caption id="attachment_773295" align="alignnone" width="611"]Korba Chaiturgarh Fort चैतुरगढ़ किला की गुफाएं[/caption]

चैतुरगढ़ पहाड़ी पर स्थित इस किले तक पहुंचने (Chhattisgarh Tourism) के लिए ऊबड़-खाबड़ चट्टानों पर चढ़ाई करनी होती है। यह स्थान ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए आदर्श है। पहाड़ की ऊंचाई पर पहुंचने पर आपको पांच तालाब और समृद्ध जैव विविधता से भरे हरे-भरे जंगल दिखाई देंगे।

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मंदिर से जुड़ी मान्यताएं

मान्यता है कि राजा पृथ्वीदेव प्रथम ने देवी मां के स्वप्न में आदेश पाकर इस मंदिर (Chhattisgarh Tourism) का निर्माण करवाया था। एक अन्य मान्यता के अनुसार, महिषासुर का वध करने के बाद मां दुर्गा ने यहां विश्राम किया था, इसलिए इसे महिषासुर मर्दिनी मंदिर के नाम से जाना जाता है।

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रामांच से भरपूर शंकर खोल गुफा

[caption id="attachment_773296" align="alignnone" width="616"]Chaiturgarh Fort चैतुरगढ़ किला की गुफाएं[/caption]

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चैतुरगढ़ के आसपास स्थित शंकर खोल गुफा एक रोमांचक स्थल है। यह गुफा करीब 25 फीट लंबी है और अंदर जाने के लिए रेंगना या घुटनों के बल चलना पड़ता है। कहा जाता है कि भगवान शिव और भस्मासुर की लड़ाई के दौरान दोनों यहां आए थे।

चैतुरगढ़ पहुंचने के लिए रास्‍ता

हवाई मार्ग: स्वामी विवेकानंद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, रायपुर से कोरबा तक कैब या बस से पहुंचा जा सकता है।

सड़क मार्ग: चैतुरगढ़, कोरबा बस स्टैंड से लगभग 50 किलोमीटर और बिलासपुर बस स्टैंड से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

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