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CG में ठेका विवाह बना मिसाल: दूल्‍हे के घर बारात लेकर गई दुल्‍हन, बिना खर्च के की शादी; दिया समाज को बड़ा संदेश

Chhattisgarh Theka Vivah (Contract Marriage) Unique Tradition; छत्‍तीसगढ़ के बालोद डोंडी से छत्‍तीसगढ़ की संस्‍कृति की एक और परंपरा देखने को मिली है। बता दें कि आजकल शादियां खर्चीले आयोजनों और दिखावे का माध्यम बन चुकी हैं

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Sanjeet Kumar
CG Theka Vivah

CG Theka Vivah

CG Theka Vivah: छत्‍तीसगढ़ के बालोद डोंडी से छत्‍तीसगढ़ की संस्‍कृति की एक और परंपरा देखने को मिली है। बता दें कि आजकल शादियां खर्चीले आयोजनों और दिखावे का माध्यम बन चुकी हैं, वहीं छत्तीसगढ़ के टेकाडोढ़ा गांव (CG Theka Vivah) में एक सादगी भरी और अनूठी शादी ने लोगों का ध्यान खींचा है। महार समाज ने यहां एक ठेका विवाह संपन्न कराया, जो ना सिर्फ परंपरा का प्रतीक बना, बल्कि फिजूलखर्ची रोकने का संदेश भी दे गया।

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इस ठेका विवाह परंपरा के अनुसार दुल्‍हन बारात (CG Theka Vivah) लेकर दुल्‍हे के घर पहुंची। जहां महार समाज की परंपरा के अनुरूप शादी की रस्‍में संपन्‍न कराई गई। इन सभी रस्‍मों को पूरा कर वर-वधु एक दूजे के हुए और सात फेरों के साथ सात जनम साथ रहने की कसमें भी खाई।

शादी की सभी रस्‍में वर के घर हुई संपन्‍न

ग्राम फरदडीह की माधुरी सहारे और टेकाडोढ़ा (CG Theka Vivah) के रामेश्वर उंदरा की यह शादी परंपरागत ठेका विवाह की विधि से हुई। खास बात यह रही कि शादी की सभी रस्में वर के घर पर ही पूरी की गईं। यहां बिना बैंड-बाजे, बिना बारात लगाए शादी संपन्‍न कराई गई। 38 साल की माधुरी और 40 साल के रामेश्वर ने एक-दूजे का हाथ थाम लिया।

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दीपक आरदे ने जोड़ी रिश्तों की डोर

इस विवाह का रिश्ता माधुरी के जीजा दीपक आरदे ने तय करवाया। रामेश्वर बालोद (CG Theka Vivah) के एक भोजनालय में काम करते थे और अक्सर दीपक से शादी को लेकर चर्चा करते थे। दीपक ने ही माधुरी के लिए रामेश्वर को प्रस्ताव दिया और फिर दोनों परिवारों की सहमति से यह विवाह ठेका पद्धति में संपन्न हुआ।

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परंपरा के साथ ही समाज को बड़ा संदेश

शादी में कोई खर्चीला समारोह या शोरशराबा नहीं हुआ। सिर्फ पारंपरिक (CG Theka Vivah) वाद्य यंत्रों की धुन पर विवाह की सभी रस्में निभाई गईं। समाज ने इसे एक आदर्श शादी बताया और नवविवाहित जोड़े को शुभकामनाएं दीं। इसी के साथ ही समाज को बिना खर्च किए शादी समारोह करने के लिए प्रेरित भी किया। ताकि शादी-विवाह में पिता पर खर्च का बोझ न बढ़े और दोनों ही परिवारों पर आर्थिक संकट न हो।

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Chhattisgarh Balod Marriage Tradition
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