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CG Tehsildars Strike: तहसीलदारों की हड़ताल से राजस्व कार्य ठप, 5 दिन से भटक रहे लोग,आय-जाति प्रमाण पत्र समेत सभी काम बंद

CG Tehsildars Strike: छत्तीसगढ़ में तहसीलदारों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से राजस्व कामकाज ठप हो गया है। खाता विभाजन, नामांतरण जैसे कार्य अटक गए। जनता परेशान, आंदोलन जारी।

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BP Shrivastava
CG Tehsildars Strike

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हाइलाइट्स

  • छत्तीसगढ़ में तहसीलदारों की हड़ताल
  • राजस्व के काम पूरी तरह हुए ठप
  • ग्रामीण-शहरी क्षेत्र के लोग हो रहे परेशान
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CG Tehsildars Strike: छत्तीसगढ़ में तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की चार दिन से चल रही हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रही। हड़ताल के कारण प्रदेश के अधितकर जिला मुख्यालय स्थित तहसील कार्यालय में वीरानी छाई रही। इस हड़ताल से आम जनता परेशान है।

काम नहीं होने से लोग परेशान

राजस्व से जुड़े कामों के लिए तहसील कार्यालयों में पहुंच रहे लोग परेशान हो रहे हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा वे क्या करें। इसके अलावा प्रशासन ने भी कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं निकाला है। इधर, पांच दिन से तहसीलदार और नायब तहसीलदार हड़ताल पर हैं वहीं लोग तहसीलों में भटक रहे हैं।

मंगला का किसान रामभरोस पांच दिनों से तहसील आ रहा है, लेकिन खाता विभाजन का काम नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि कोई अधिकारी हमारी समस्या का समाधान करने के लिए आगे नहीं आ रहा है।

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हड़ताल खत्म होने के बाद ही काम होगा

इधर, काम के लिए तहसील पहुंचे लोगों का कहना है कि कार्यालय के बाबू बता रहे हैं कि तहसीलदारों की हड़ताल खत्म होने के बाद ही उनके आवेदन पर कार्रवाई होगी। इसी तरह चांटीडीह की लक्ष्मिन बाई फौती नामांतरण के लिए पिछले चार दिनों से लगातार तहसील के चक्कर काट रही है, लेकिन उनका काम अटका हुआ है।

तहसील कार्यालय में स्टाफ भी सिर्फ औपचारिता के रूप में मौजूद है। अधिकांश लोगों को पता है कि तहसीलदारों की हड़ताल खत्म हुए बिना राजस्व संबंधी कोई काम नहीं हो पाएगा। इसलिए वे भी तहसील कार्यालय नहीं पहुंच रहे हैं।

21 जुलाई से चल रही तहसीलदारों की हड़ताल

तहसील कार्यालय में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की हड़ताल 21 जुलाई से चल रही है। अनिश्चितकालीन हड़ताल का 1 अगस्त को दूसरा दिन है। तहसील कार्यालयों में तहसीलदार पीठासीन अधिकारी होते हैं। इसलिए उनके साइन के बिना किसी भी राजस्व मामले या आवेदन पर कार्रवाई नहीं हो रही है।

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ये काम नहीं हो पा रहे...

वर्तमान में जो कार्य बंद पड़े हैं, उनमें भूमि संबंधी सभी कार्य, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, फौती नामांतरण, खाता विभाजन और सीमांकन आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। शिक्षा सत्र की शुरुआत के साथ ही विभिन्न प्रमाण पत्रों की जरूरत बढ़ गई है, जिससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई है।

मांगें पूर्ण होने तक जारी रहेगा आंदोलन

छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के जिलाध्यक्ष प्रकाश साहू ने कहा कि 17 सूत्रीय मांगों को लेकर बिलासपुर जिले के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने 17 जुलाई को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था। कोई कार्रवाई न होने पर 21 से 26 जुलाई तक उन्होंने निजी संसाधनों से सरकारी कामकाज बंद रखा। इसके बाद 28 जुलाई को जिला स्तर पर सामूहिक अवकाश लेकर विरोध जताया। 29 जुलाई को संभाग और राज्य स्तर पर प्रदर्शन हुए, और 30 जुलाई को प्रदेश स्तर पर राजधानी रायपुर में धरना दिया गया। इसके बावजूद कोई समाधान नहीं होने पर आंदोलन चौथे चरण में प्रवेश कर प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी गई है।

तहसील कार्यालयों में संसाधनों की बहुत कमी

साहू ने बताया कि तहसील कार्यालयों में मानवीय संसाधन, तकनीकी सुविधाएं, सुरक्षा, सरकारी वाहन और प्रशासनिक सहयोग की बहुत कमी है, जिससे कामकाज प्रभावित हो रहा है। इसी वजह से तहसीलदार और नायब तहसीलदार संघ के बैनर तले हड़ताल पर हैं। संघ का अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन खेल परिसर सरकंडा में जारी है।

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सेटअप के मुताबिक भर्ती की मांग

संघ की 17 सूत्रीय मांगों में तहसीलों में स्वीकृत सेटअप के मुताबिक पदस्थापना, तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति, 50 फीसदी पद भरने नायब तहसीलदार को राजपत्रित बनाने, शासकीय वाहन की उपलब्धतता, न्यायालयीन आदेशों पर एफआईआर नहीं करने, न्यायालयीन कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोकाल ड्यूटी से पृथक व्यवस्था करने, प्रशिक्षित ऑपरेटर की नियुक्ति, संघ को मान्यता देने, राजस्व न्यायालयों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा कर्मी, एसएलआर, एएसएलआर की बहाली आदि प्रमुख रूप से शामिल है।

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FAQ

सवाल: तहसीलदारों की हड़ताल कब से चल रही है ?

जवाब: 21 जुलाई 2025 से प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की गई है।

सवाल: इस हड़ताल से आम जनता को किस प्रकार की परेशानी हो रही है ?

जवाब: जमीन संबंधी कार्य, प्रमाण पत्र जारी होना, खाता विभाजन और नामांतरण जैसे राजस्व कार्य पूरी तरह ठप हैं।

सवाल: तहसीलदारों की प्रमुख मांगें क्या हैं ?

जवाब: सेटअप के मुताबिक पदस्थापना, न्यायालयीन कार्यों से प्रोटोकॉल ड्यूटी अलग करना, वाहन, सुरक्षा, प्रशिक्षित ऑपरेटर, प्रमोशन आदि।

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