हाइलाइट्स
सरकार के फैसले पर सोना साहू ने लगाया केस
शिक्षक समिति कर रही इस मामले में समर्थन
17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई
Sona Sahu Promotion Pay Scale Case: छत्तीसगढ़ सर्व शिक्षक एलबी कल्याण समिति ने रायपुर जिला संचालक हेमकुमार साहू को समिति से बाहर कर दिया है। इस आशय का पत्र समिति के संरक्षक मनीष मिश्रा और प्रदेश संचालन समिति के अध्यक्ष (Sona Sahu Promotion Pay Scale Case) बसंत कौशिक द्वारा जारी किया गया है। यह निर्णय हेमकुमार साहू पर समिति की बैठक में अभद्रता और बैठक को प्रभावित करने के आरोपों के बाद लिया गया है।
दरअसल, शिक्षकों के क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Sona Sahu Promotion Pay Scale Case) में एक याचिका दायर की गई है, जिसे शिक्षिका सोना साहू की ओर से लड़ा जा रहा है। इस याचिका का समर्थन करने के लिए छत्तीसगढ़ सर्व शिक्षक एलबी संवर्ग कल्याण समिति का गठन किया गया है। समिति शिक्षक संगठनों के शीर्ष नेताओं को एकजुट करके सोना साहू को आर्थिक और कानूनी समर्थन प्रदान कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की पहली सुनवाई 5 मार्च 2025 को हुई थी, लेकिन इसे अगली सुनवाई के लिए 17 मार्च 2025 तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
समिति ने हेमकुमार साहू पर लगाया आरोप
10 मार्च 2025 को आयोजित सर्व शिक्षक कल्याण समिति की बैठक (Sona Sahu Promotion Pay Scale Case) में हेमकुमार साहू पर समिति के सदस्यों के साथ अभद्रता करने और बैठक को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया। समिति ने इसे अनुचित मानते हुए हेमकुमार साहू को तत्काल प्रभाव से समिति से बाहर करने का निर्णय लिया।
समिति ने ओमप्रकाश वर्मा को नया रायपुर जिला संचालक नियुक्त किया है। साथ ही, समिति ने सभी ब्लॉक संचालकों को निर्देश दिया है कि अदालती लड़ाई के लिए सहयोग राशि सीधे समिति के बैंक खाते में जमा कराई जाए। किसी व्यक्ति विशेष के खाते में पैसा भेजने पर रोक लगा दी गई है।
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सभी आरोप निराधार है: हेमकुमार साहू
समिति से हटाए जाने पर हेमकुमार साहू (Sona Sahu Promotion Pay Scale Case) ने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने बैठक में किसी के साथ अभद्रता नहीं की। उन्होंने कहा, मैंने कुछ मुद्दों पर हिसाब मांगा था, जो समिति के कुछ लोगों को नागवार गुजरा। इसलिए मुझे बदनाम किया जा रहा है। मैं कई लोगों की निगाह में खटक रहा था, इसलिए मुझे गलत आरोप लगाकर समिति से बाहर कर दिया गया।
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