/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/CG-Sharab-Ghotala-1.webp)
CG Sharab Ghotala
हाइलाइट्स
चैतन्य बघेल की जमानत खारिज
16.70 करोड़ की अवैध लेन-देन
शराब घोटाले में बढ़ती जांच
CG Sharab Ghotala: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में बड़ा मोड़ आया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को राहत नहीं मिली है। रायपुर स्थित आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की विशेष अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। इसके साथ ही उन्हें 13 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
इससे पहले, चैतन्य बघेल को 14 दिनों की कस्टोडियल रिमांड पर लेकर EOW और ED की टीमों ने उनसे गहन पूछताछ की थी। अब अदालत के फैसले के बाद मामला और ज्यादा गंभीर हो गया है, और जांच एजेंसियां अब उन्हें न्यायिक रिमांड के दौरान भी पूछताछ के लिए आवेदन कर सकती हैं।
जन्मदिन पर हुई थी गिरफ्तारी
चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को उनके जन्मदिन के दिन, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके भिलाई निवास से गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई थी। ईडी ने यह जांच EOW द्वारा दर्ज शराब घोटाले की FIR के आधार पर शुरू की थी, जिसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की कई धाराएं लगाई गई हैं।
2500 करोड़ की अवैध कमाई की जांच
ईडी और ईओडब्ल्यू की प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि इस शराब घोटाले के चलते छत्तीसगढ़ सरकार को 2,500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। यह अवैध पैसा कथित रूप से एक संगठित सिंडिकेट के जरिए नेताओं, अफसरों और कारोबारी हितधारकों की जेब में पहुंचाया गया। इस पैसे का इस्तेमाल संपत्ति खरीद, नकद ट्रांजेक्शन और काले धन को सफेद करने के लिए किया गया।
चैतन्य बघेल को मिले 16.70 करोड़ रुपए
जांच एजेंसियों ने चैतन्य बघेल की भूमिका को इस घोटाले की वित्तीय धुरी बताया है। ईडी के अनुसार, उन्हें 16.70 करोड़ रुपये नकद मिले, जिसे उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों में निवेश किया। इनमें से बड़ी रकम विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट में लगाई गई, जहां उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर फ्लैट बुक कर, 5 करोड़ रुपये की अप्रत्यक्ष रिश्वत प्राप्त की।
इसके साथ ही, ईडी ने बैंकिंग ट्रेल, नकद लेन-देन और कागजी प्रविष्टियों के पुख्ता सबूत कोर्ट में प्रस्तुत किए हैं, जिससे उनकी संलिप्तता और गहरी होती जा रही है।
ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को करारा झटका: अबूझमाड़ में 7 महिला सहित 16 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 70 लाख का था इनाम
कई बड़े नाम पहले से गिरफ्तार
शराब घोटाले में चैतन्य बघेल अकेले नहीं हैं। इससे पहले इस मामले में पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, शराब व्यवसायी त्रिलोक सिंह ढिल्लों, व्यापारी अनवर ढेबर, पूर्व मंत्री कवासी लखमा, और ITS अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी समेत कई बड़े नाम गिरफ्तार हो चुके हैं। सभी पर एक संगठित अवैध वसूली नेटवर्क को संचालित करने का आरोप है।
कांग्रेस की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी और अब जमानत याचिका खारिज होने के बाद राजनीतिक हलकों में भूचाल आ गया है। जहां विपक्ष इसे कांग्रेस शासन की “विफलता और भ्रष्टाचार” का प्रतीक बता रहा है, वहीं कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले विधानसभा सत्र और चुनावों पर इस मुद्दे का असर गहरा हो सकता है। खासकर तब जब घोटाले से जुड़े तथ्यों और गिरफ्तारियों की फेहरिस्त दिन-ब-दिन लंबी होती जा रही है।
ये भी पढ़ें: CG Coal Scam: EOW ने पेश किया 1500 पन्नों का दूसरा पूरक चालान, नवनीत तिवारी और देवेंद्र डडसेना पर लगा गंभीर आरोप
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें