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CG RERA का बड़ा फैसला: फ्लैट का मालिकाना हक न देने पर रजत बिल्डर्स को लौटाने होंगे 57.97 लाख रुपये, खरीदार को मिला न्याय

Chhattisgarh (CG) RERA Order 2025: छत्तीसगढ़ RERA ने फ्लैट का कब्जा समय पर न देने और अनुबंध उल्लंघन के मामले में रजत बिल्डर्स को 57.97 लाख रुपये लौटाने का आदेश दिया है।

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Shashank Kumar
CG RERA Order 2025

CG RERA Order 2025

CG RERA Order 2025: छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (CG RERA) ने एक ऐतिहासिक और कड़ा फैसला सुनाते हुए रजत बिल्डर्स को उनके प्रोजेक्ट ‘रजत होम्स कादम्बरी, जिला दुर्ग’ (Rajat Homes Kadambari, Durg) से संबंधित एक आवंटिती को कुल 57.97 लाख रुपये की राशि लौटाने का आदेश दिया है।

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यह राशि फ्लैट के मूल मूल्य 24 लाख रुपये और लगभग 27.97 लाख रुपये के ब्याज को मिलाकर है। यह फैसला रजत बिल्डर्स (Rajat Builders) द्वारा अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने और निर्धारित समय में फ्लैट का आधिपत्य न देने के कारण सुनाया गया है।

[caption id="attachment_844857" align="alignnone" width="1071"]CG RERA Order 2025 CG RERA Order 2025[/caption]

2014 में किया था अनुबंध, 2024 तक भी नहीं मिला फ्लैट

इस मामले में आवंटिती ने वर्ष 2014 में रजत बिल्डर्स के साथ एक फ्लैट के लिए अनुबंध किया था। लेकिन, 10 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद भी न तो परियोजना पूरी हुई और न ही उन्हें फ्लैट का कब्जा मिल सका। इससे परेशान होकर खरीदार ने रेरा (RERA) में शिकायत दर्ज कराई। सुनवाई के दौरान रेरा ने पाया कि बिल्डर ने रेरा अधिनियम 2016 की धारा 11 का उल्लंघन किया है, जिसमें समय पर निर्माण और कब्ज़ा देना प्रमोटर का कानूनी दायित्व होता है।

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रेरा का स्पष्ट संदेश: प्रमोटरों को करना होगा नियमों का पालन

रेरा (RERA) के इस निर्णय ने साफ संदेश दिया है कि बिल्डरों द्वारा अनुबंध के उल्लंघन और खरीदारों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। छत्तीसगढ़ रेरा ने यह साबित किया है कि वह घर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और प्रमोटरों को कानूनी जिम्मेदारियों का पालन करने के लिए बाध्य किया जाएगा।

यह फैसला केवल एक व्यक्ति को राहत देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे प्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर को एक स्पष्ट चेतावनी है कि कोई भी प्रमोटर यदि ग्राहकों के साथ अनुबंध का उल्लंघन करता है या निर्माण में देरी करता है, तो उसे कानूनी परिणाम भुगतने होंगे। इससे छत्तीसगढ़ में रियल एस्टेट के क्षेत्र में पारदर्शिता और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा को और बल मिलेगा।

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