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CG Ration Scam
हाइलाइट्स
216 करोड़ चावल घोटाले के बाद
115 करोड़ की शक्कर गायब
जिम्मेदार अफसरों पर होगी कार्रवाई
CG Ration Scam: छत्तीसगढ़ में खाद्य आपूर्ति तंत्र (Food Supply System) से जुड़ा एक और बड़ा घोटाला सामने आया है। चावल घोटाले (Rice Scam in Chhattisgarh) के बाद अब राशन दुकानों से 115 करोड़ रुपये से ज्यादा की शक्कर (Sugar Scam) गायब होने का मामला उजागर हुआ है। जांच रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि 2021 से 2023 के बीच राज्य की 13 हजार राशन दुकानों में से करीब 5 हजार दुकानों ने शक्कर का ओवर स्टॉक (Over Stock) होने के बावजूद लगातार सप्लाई ली। यानी यह शक्कर पात्र हितग्राहियों तक पहुंचाई ही नहीं गई।
कैसे हुआ शक्कर फर्जीवाड़ा?
खाद्य विभाग (Food Department) के नियम के अनुसार, प्रत्येक प्राथमिक और अंत्योदय राशन कार्डधारी (Ration Card Holders) को हर महीने एक किलो शक्कर मिलनी चाहिए। यदि किसी कार्डधारी ने शक्कर नहीं ली, तो उसका स्टॉक दुकान में बचा रहना चाहिए और अगले महीने के आवंटन में इस मात्रा को घटा देना होता है।
लेकिन हकीकत उलट रही- फूड डायरेक्टरेट (Food Directorate) ने हर महीने उतना ही कोटा जारी किया, जितना पहले होता था। ओवर स्टॉक घटाने के बजाय नया स्टॉक जारी किया गया। इसका सीधा नतीजा हुआ कि दुकानदारों ने तीन साल तक शक्कर बांटे बिना नया स्टॉक लिया और अरबों का घोटाला (Scam in Ration Supply) कर डाला।
5 हजार दुकानों से 41 हजार क्विंटल शक्कर गायब
खाद्य मंत्रालय (Food Ministry) की ओर से विधानसभा में स्वीकार किया गया कि 5 हजार राशन दुकानों से कुल 41,210 क्विंटल शक्कर का हिसाब नहीं मिला। इसकी बाजार कीमत (Market Value) करीब 115 करोड़ रुपये आंकी गई है।
जिलेवार गायब शक्कर का आंकड़ा (District Wise Data):
- सूरजपुर: 2622 क्विंटल
- सरगुजा: 2430 क्विंटल
- कवर्धा: 2384 क्विंटल
- कोरबा: 2120 क्विंटल
- बलरामपुर: 1698 क्विंटल
- कांकेर: 1600 क्विंटल
- सक्ती: 1544 क्विंटल
- बस्तर: 1406 क्विंटल
- रायगढ़: 1285 क्विंटल
- सारंगढ़: 1085 क्विंटल
कुल: 18,248 क्विंटल (115 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान)
किसकी थी जिम्मेदारी?
यह पूरा मामला 2021 से 2023 के बीच का है। उस समय एसएन राठौर और किरण कौशल खाद्य निदेशक (Food Director) रहे।
- जिम्मेदारी: स्टॉक की निगरानी और ओवर स्टॉक पर रोक लगाना।
- क्या नहीं किया: न तो ऑनलाइन वेरिफिकेशन (Online Verification) किया गया, न ही खाद्य नियंत्रकों और निरीक्षकों की रिपोर्ट देखी गई।
यानी विभागीय लापरवाही ने इस घोटाले को जन्म दिया।
जांच पूरी, अब कार्रवाई की तैयारी
खाद्य विभाग (Food Department Chhattisgarh) ने बताया कि ओवर स्टॉक की जांच (Over Stock Enquiry) पूरी हो चुकी है। जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। संयुक्त सचिव राजीव कुमार जायसवाल का कहना है कि "जांच समिति को सभी तथ्य उपलब्ध कराए जा चुके हैं। सरकार रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लेगी।"
एफआईआर और वसूली का दबाव
शक्कर घोटाले (Sugar Scam) के खुलासे के बाद दुकानदारों पर वसूली का दबाव डाला गया। कई दुकानदारों ने एफआईआर (FIR) से बचने के लिए बाजार से शक्कर खरीदकर जमा कराई, लेकिन यह भी नियमों के खिलाफ (Against Rules) है। फिलहाल सरकार वसूली और कानूनी कार्रवाई दोनों विकल्पों पर विचार कर रही है।
चावल घोटाले से जुड़ा कनेक्शन
गौरतलब है कि यह खुलासा 216 करोड़ रुपये के चावल घोटाले (Rice Scam worth 216 Crore) की जांच के दौरान हुआ। यानी छत्तीसगढ़ के पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS Scam) में लगातार बड़े फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि पिछले कुछ सालों में राशन वितरण की मॉनिटरिंग बेहद कमजोर रही है।
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