हाइलाइट्स
-
रायपुर में 1 नवंबर से कमिश्नरेट
-
सात आईपीएस अधिकारियों की समिति गठित
-
पुलिस को मिलेंगे व्यापक प्रशासनिक अधिकार
CG Raipur Police Commissionerate News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में लंबे समय से चर्चा में रहा पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम (Police Commissionerate System in Raipur) अब हकीकत बनने जा रहा है। सरकार ने इसकी शुरुआत एक नवंबर को राज्योत्सव (Rajyotsav 2025) के मौके पर करने का निर्णय लिया है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर तैयारियां तेज कर दी गई हैं और सात वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एक समिति गठित की गई है, जो ड्राफ्ट तैयार कर रही है।
ADG प्रदीप गुप्ता की अगुवाई में बनी समिति
डीजीपी अरुणदेव गौतम के निर्देश पर बनाई गई इस समिति की अध्यक्षता सीनियर एडीजी प्रदीप गुप्ता कर रहे हैं। उनके साथ पुलिस महानिरीक्षक (नारकोटिक्स) अजय यादव, पुलिस महानिरीक्षक (रायपुर रेंज) अमरेश मिश्रा, पुलिस महानिरीक्षक (अअवि) ध्रुव गुप्ता, डीआईजी (दूरसंचार) अभिषेक मीणा, डीआईजी (सीसीटीएनएस) संतोष सिंह और एसपी (विआशा) प्रभात कुमार सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं।
इसके अलावा, समिति को कानूनी पहलुओं (Legal Aspects) पर मार्गदर्शन देने के लिए लोक अभियोजन संचालनालय की संयुक्त संचालक मुकुला शर्मा को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है।
नया एक्ट या मौजूदा कानून ?
समिति इस पर विचार कर रही है कि रायपुर में लागू होने वाले पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम को छत्तीसगढ़ पुलिस एक्ट 2007 के प्रावधानों के तहत लागू किया जाए या फिर इसके लिए अलग से नया एक्ट तैयार किया जाए। अगर सरकार नया एक्ट बनाना चाहेगी, तो इसके दो रास्ते होंगे – विधानसभा से अधिनियम पारित कराना या राज्यपाल से अध्यादेश (Ordinance) जारी कराना।
राज्य सरकार चाहती है कि यह सिस्टम समय पर और प्रभावी ढंग से लागू हो, इसलिए अन्य राज्यों जैसे दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, भोपाल और इंदौर में लागू सिस्टम का अध्ययन कर ‘बेस्ट मॉडल’ (Best Model) तैयार करने की कोशिश की जा रही है।
क्या है पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली ?
पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली में शहर की कमान सीधे एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के पास होती है। आमतौर पर यह अधिकारी डीजी, एडीजी या आईजी रैंक का होता है। यह तय करना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में होता है और यह निर्णय शहर की जनसंख्या (Population), क्राइम रेट (Crime Rate) और सुरक्षा की स्थिति के आधार पर लिया जाता है।
कमिश्नर के पास होंगे व्यापक अधिकार
पुलिस कमिश्नर को वे अधिकार मिलेंगे जो वर्तमान में कलेक्टर और मजिस्ट्रेट के पास हैं। इसमें शामिल हैं –
- धारा 144 या कर्फ्यू लगाने का निर्णय (Section 144)
- धरना-प्रदर्शन की अनुमति देना (Protest Permission)
- आर्म्स एक्ट (Arms Act) के तहत कार्रवाई करना
- बड़े सार्वजनिक आयोजनों की अनुमति देना (Public Gathering Permission)
- जिला बदर या प्रतिबंधात्मक कार्रवाई का आदेश जारी करना
इन अधिकारों से पुलिस किसी भी स्थिति में त्वरित निर्णय (Quick Decision) ले सकेगी और कलेक्टर पर निर्भरता खत्म हो जाएगी।
कलेक्टर के अधिकार सीमित होंगे
कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद कलेक्टर के पास सिर्फ रेवेन्यू और प्रशासनिक कार्य रह जाएंगे। धरना, प्रदर्शन, धारा 144 और बड़े आयोजनों की अनुमति अब पुलिस कमिश्नर देंगे। इसका सीधा असर यह होगा कि राजधानी में प्रशासनिक और पुलिस व्यवस्था का संतुलन बदल जाएगा।
SP और IG की भूमिका क्या होगी ?
इस प्रणाली में पूरे जिले की लॉ एंड ऑर्डर (Law & Order) की जिम्मेदारी कमिश्नर के पास होगी। ग्रामीण इलाकों के लिए अगर सरकार चाहेगी तो अलग से एसपी (रूरल) की नियुक्ति की जा सकती है। वहीं, अगर पूरा जिला कमिश्नरेट के तहत आता है, तो एसपी रैंक के अधिकारियों को डीसीपी (Deputy Commissioner of Police) के पद पर तैनात किया जाएगा।
राजधानी रायपुर पर सबकी नजरें
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विधानसभा में घोषणा करते हुए कहा था कि रायपुर में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू की जाएगी। अब सवाल यह है कि रायपुर का पहला पुलिस कमिश्नर कौन होगा? फिलहाल इसका फैसला सरकार जल्द ही लेगी। माना जा रहा है कि राजधानी की कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के लिहाज से इस पद पर किसी अनुभवी वरिष्ठ अधिकारी को जिम्मेदारी दी जाएगी।
क्यों जरूरी है पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम ?
रायपुर तेजी से बढ़ती आबादी और लगातार बढ़ते अपराधों के चलते बड़े महानगरों की श्रेणी में आता जा रहा है। शहर की पुलिसिंग (Policing System) को तेज, आधुनिक और जवाबदेह बनाने के लिए यह व्यवस्था जरूरी मानी जा रही है। इससे पुलिस को त्वरित कार्रवाई करने और अपराधों पर तुरंत रोक लगाने की शक्ति मिलेगी।
राजधानी में हर साल राज्योत्सव और अन्य बड़े आयोजन होते हैं, जिनमें लाखों लोग जुटते हैं। ऐसे आयोजनों के दौरान भीड़ नियंत्रण, ट्रैफिक मैनेजमेंट और सुरक्षा व्यवस्था में कमिश्नरेट सिस्टम (Commissionerate System in India) बड़ी भूमिका निभाएगा।
ये भी पढ़ें: CG Kisan Fake Withdrawal: किसान के खाते से 7.91 लाख की फर्जी निकासी, धान खरीदी घोटाले से भी जुड़ा मामला
लोगों की उम्मीदें और चुनौतियां
रायपुर के लोगों को उम्मीद है कि कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने से शहर में पुलिसिंग और भी मजबूत होगी। लेकिन इसके साथ चुनौतियां भी कम नहीं हैं। सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि पुलिस को व्यापक अधिकार मिलने के बाद भी उसका इस्तेमाल पारदर्शिता और जनता की सुरक्षा के लिए किया जाए। अगर यह सिस्टम सही तरीके से लागू हुआ तो रायपुर पुलिस व्यवस्था देश के अन्य बड़े महानगरों की तर्ज पर और भी प्रभावी (Effective Policing) बन सकती है।
ये भी पढ़ें: Sukma News: सुकमा में CRPF जवान ने की आत्महत्या, सर्विस राइफल से खुद को मारी गोली, मिला 6 पन्नों का सुसाइड नोट