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CG Raipur News: रायपुर में मशरूम-बिस्किट फैक्ट्री पर कार्रवाई, श्रम विभाग और खरोरा पुलिस ने 109 बच्चों का किया रेस्क्यू

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Preeti Dwivedi
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CG Raipur News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में मंगलवार मशरूम-बिस्किट फैक्ट्री पर कार्रवाई हुई। जिसमें दोनों फैक्ट्रियों में काम कर रहे 109 बच्चों को छुड़ाया गया है। जानकारी के अनुसार मशरूम फैक्ट्री से 70 और बिस्किट फैक्ट्री से 39 बच्चों को मुक्त कराया गया है। बच्चों के उम्र और दस्तावेजों की जांच जारी है। श्रम विभाग और खरोरा पुलिस की कार्रवाई की गई है।

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यहां पड़ा छापा

जानकारी के अनुसार राजधानी रायपुर के सड्डू और खरोरा स्थित दो फैक्ट्रियों में सोमवार दोपहर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने छापेमारी की थी। जिसमें 68 लड़कियां और 41 लड़के काम करते हुए पाए गए थे। इनमें ज्यादातर मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के रहने वाले हैं।

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छत्तीसगढ़ में दो फैक्ट्रियों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 109 नाबालिग लड़के–लड़कियों को रेस्क्यू किया है। दावा किया गया है कि सभी की उम्र 18 वर्ष से कम के हैं। इसे बाल श्रम कानून का गंभीर उल्लंघन मानते हुए ये कार्रवाई की गई है। है। वर्तमान में मजदूरों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है और सभी को प्रशासन की निगरानी में सुरक्षित जगहों पर रखा गया है।

टीम ने फैक्ट्री में किया निरीक्षण

एनएचआरसी (NHRC) की टीम ने खरोरा स्थित मशरूम फैक्ट्री और सड्डू की बिस्कुट फैक्ट्री में अचानक पहुंचकर निरीक्षण किया। स्थानीय प्रशासन, पुलिस, महिला एवं बाल विकास विभाग और श्रम विभाग की संयुक्त टीम भी इस कार्रवाई में शामिल थी। निरीक्षण के दौरान 109 बच्चे और किशोर मजदूरी करते पकड़े गए। सभी को तुरंत फैक्ट्री से बाहर निकालकर बसों से सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया।

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मजदूरों को अलग-अलग सेंटर में रखा गया

रेस्क्यू किए गए बच्चों को मानाजी स्थित सेंटर में रखा गया है। उनके परिजनों को बुलाकर दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली की ‘बचपन बचाओ’ संस्था की टीम भी जांच में सहयोग कर रही है। प्रशासन बालकों की उम्र सत्यापन और शोषण की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है।

जुलाई में भी हुआ था छापा, नहीं हुई थी FIR

मोजो फैक्ट्री में जुलाई महीने में भी छापा पड़ा था। उस समय 91 से अधिक मजदूरों को छुड़ाया गया था और वेतन बकाया दिलाया गया था, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि आज तक इस मामले में कोई FIR दर्ज नहीं हो सकी। श्रमिकों ने आरोप लगाया था कि उनसे जबरन काम करवाया जाता है, मारपीट होती है और मजदूरी समय पर नहीं मिलती।

मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिए जाने के बाद मीडिया में आई खबरों पर NHRC ने स्वत: संज्ञान लिया और तीन महीने की प्रारंभिक जांच के बाद फिर से छापा मारा।

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दोनों फैक्ट्रियां जांच पूरी होने तक रहेंगी बंद

एनएचआरसी के निर्देशों के बाद मशरूम फैक्ट्री और बिस्कुट फैक्ट्री को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। आरोप है कि इनमें से एक फैक्ट्री का संबंध एक बड़े राजनीतिक नेता से है। प्रशासन अब पूरी जांच करने के बाद ही अगली कार्रवाई तय करेगा।

क्या कहता है नियम बाल श्रम कानून

छत्तीसगढ़ में बाल श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम 2016 के तहत:

14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से कोई भी काम करवाना पूर्णतः प्रतिबंधित है।

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14 से 18 वर्ष के किशोरों को खतरनाक उद्योगों में काम करने की अनुमति नहीं है।

इनमें खनन, विस्फोटक, फायरवर्क, तंबाकू, ईंट भट्ठा, रासायनिक इकाइयाँ आदि शामिल हैं।

बाल श्रम संज्ञेय अपराध है।

उल्लंघन पर क्या होती है कार्यवाई 

नियोक्ता को 2 वर्ष तक की जेल

या ₹50,000 तक का जुर्माना,

या दोनों सज़ाएं हो सकती हैं।

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