Commissioner Nirbhay Sahu Suspended: छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य सेवा के अधिकारी निर्भय कुमार साहू को निलंबित कर दिया है। निर्भय कुमार वर्तमान में जगदलपुर नगर निगम के आयुक्त (Commissioner Nirbhay Sahu Suspended) हैं। उन पर भारत माला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी करने और अवैध तरीके से मुआवजा वितरित करने का आरोप लगाया गया है। इसी आरोप के आधार पर उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है।
निर्भय कुमार साहू इससे पहले रायपुर में एसडीएम (सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट) के पद पर तैनात थे। इस दौरान उन पर रायपुर-विशाखापट्टनम हाईवे कॉरिडोर के निर्माण के लिए प्रस्तावित भारत माला सड़क परियोजना में मुआवजा वितरण में गड़बड़ी करने का आरोप लगा है। विभागीय जांच में पता चला कि उन्होंने कुछ जमीन मालिकों को फायदा पहुंचाने के लिए अवैध तरीके से मुआवजा वितरित किया, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ।
अवर सचिव ने जारी किया आदेश
जांच में यह भी पाया गया कि निर्भय कुमार (Commissioner Nirbhay Sahu Suspended) ने अपने कार्यकाल में लापरवाही और अनियमितता दिखाई। इसी के चलते उन्हें निलंबित किया गया है। छत्तीसगढ़ के अवर सचिव क्लेमेन्टीना लकड़ा ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।
जिला स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट में खुलासा
इस मामले की जांच के लिए जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि निर्भय कुमार साहू ने मुआवजा वितरण में गंभीर अनियमितताएं कीं। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
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भाजपा नेताओं ने उठाए थे सवाल
इस मामले में छत्तीसगढ़ (Commissioner Nirbhay Sahu Suspended) के पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू और भाजपा किसान मोर्चा के नेता गौरीशंकर श्रीवास ने शिकायत की थी। गौरीशंकर श्रीवास ने बताया कि भारत माला प्रोजेक्ट के तहत अभनपुर इलाके में किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई थी। मुआवजा वितरण के दौरान जमीन के रिकॉर्ड में हेराफेरी करके केंद्र सरकार से 18 गुना अधिक राशि हासिल की गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले में तहसीलदार, पटवारी, एसडीएम और एक जमीन कारोबारी मनजीत खनूजा की मिलीभगत थी। श्रीवास ने दावा किया कि इस इलाके में लगभग 600 करोड़ रुपये की गड़बड़ी हुई है।
गलत तरीके से किसानों को दिया मुआवजा
इस मामले को लेकर पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने एक उदाहरण दिया। इसमें बताया कि अभनपुर (Commissioner Nirbhay Sahu Suspended) के एक किसान को नियमानुसार 1 करोड़ रुपए का मुआवजा मिलना था, लेकिन जमीन के रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई और 18 करोड़ का मुआवजा दे दिया।
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