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रायपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल पर कलेक्टर का एक्शन: लाइसेंस रद्द करने का नोटिस जारी, 20 हजार रुपये का लगाया जुर्माना

Raipur News: रायपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल पर कलेक्टर का एक्शन, लाइसेंस रद्द करने का नोटिस जारी, 20 हजार रुपये का लगाया जुर्माना

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Harsh Verma
रायपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल पर कलेक्टर का एक्शन: लाइसेंस रद्द करने का नोटिस जारी, 20 हजार रुपये का लगाया जुर्माना

Raipur News: रायपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल (Private Hospital) पर उस वक्त बड़ी कार्रवाई की गई जब भारती देवी खेमानी (Bharti Devi Khemani) की मौत को लेकर लापरवाही सामने आई। जिला कलेक्टर (Collector) ने हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द करने का नोटिस (License Cancellation Notice) जारी किया है। इस नोटिस के साथ ही अस्पताल पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

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बेटा कर रहा था लगातार विरोध

यह मामला 12 सितंबर 2024 का है, जब भारती खेमानी की एयर एम्बुलेंस (Air Ambulance) से हैदराबाद (Hyderabad) ले जाते वक्त मौत हो गई थी। बेटे ओमी खेमानी (Omi Khemani) ने लगातार सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर विरोध दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि अस्पताल की लापरवाही से उनकी मां की मौत हुई।

[caption id="" align="alignnone" width="510"]publive-image भारती खेमानी की मौत एयर एम्बुलेंस से ले जाने के दौरान हुई थी।[/caption]

बिना डॉक्टर भेज दी गई थी मरीज, जांच में खुली पोल

कलेक्टर द्वारा गठित उच्च स्तरीय जांच समिति ने पुष्टि की कि मरीज को बिना डॉक्टर के एयरपोर्ट भेजा गया था। रिपोर्ट में कहा गया कि एम्बुलेंस में चिकित्सा सुविधा तक नहीं थी और न ही एयर एम्बुलेंस में ऑक्सीजन (Oxygen)। यह सीधी लापरवाही मानी गई, जिस पर प्रशासन ने सख्ती दिखाई।

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कलेक्टर कार्यालय से यह लेटर जारी किया गया है।

6.11 लाख में बुक की गई थी रेड एयर एम्बुलेंस

परिजनों ने बताया कि भारती खेमानी को 2 सितंबर को एनएचएमएमआई हॉस्पिटल (NHMMI Hospital) में भर्ती कराया गया था। इलाज में सुधार न होने पर 12 सितंबर को हैदराबाद रेफर किया गया। रेड एयर एम्बुलेंस (Red Air Ambulance) की बुकिंग 6 लाख 11 हजार रुपए में की गई थी। बावजूद इसके, ना डॉक्टर था, ना ऑक्सीजन, जिससे रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।

डॉक्टरों ने बताया ‘नेचुरल डेथ’, परिवार ने किया हंगामा

हॉस्पिटल ने इस मौत को ‘प्राकृतिक मृत्यु (Natural Death)’ बताया लेकिन परिवार ने इसे मानने से इंकार कर दिया। उन्होंने अस्पताल में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस पूरे प्रकरण के बाद समाज के प्रतिनिधियों ने मंत्रियों से भी मुलाकात की थी, जिसके बाद जांच समिति बनाई गई

जिला प्रशासन ने हॉस्पिटल से 30 दिनों के भीतर इस मामले में जवाब मांगा है। यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो हॉस्पिटल का लाइसेंस पूरी तरह रद्द कर दिया जाएगा।

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