Raipur Central Housing Project: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Raipur) में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक पहल शुरू होने जा रही है। केंद्रीय सरकारी कर्मचारी कल्याण आवास संगठन (CGEWHO) ने 1000 फ्लैटों के निर्माण की महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना प्रदेश में अपनी तरह की पहली होगी।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल की पहल से शुरू हुआ रास्ता
इस परियोजना का श्रेय सांसद बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Agrawal) की दूरदृष्टि और सतत प्रयासों को जाता है। उन्होंने ‘केंद्रीय विहार’ (Kendriya Vihar) योजना के तहत रायपुर के केंद्रीय स्थान पर इन फ्लैटों के निर्माण की सिफारिश की थी, ताकि सरकारी कर्मचारियों को कार्यालय, स्कूल, अस्पताल और सार्वजनिक सुविधाओं तक आसान पहुंच मिल सके।
5 से 7 एकड़ भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू
CGEWHO ने औपचारिक पत्र लिखकर सांसद अग्रवाल से 5 से 7 एकड़ बाधारहित भूमि आवंटित करने का अनुरोध किया है। इसके लिए सांसद ने राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, आरडीए अध्यक्ष नंद कुमार साहू, राजस्व सचिव, रायपुर कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त से आग्रह किया है। भूमि उपलब्ध होते ही परियोजना का पहला चरण शुरू होगा।
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गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी निर्माण का भरोसा
CGEWHO, जो आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs) के अंतर्गत कार्यरत है, ‘न लाभ, न हानि’ (No Profit, No Loss) नीति और पारदर्शी कार्यप्रणाली के लिए जानी जाती है। इसकी सभी परियोजनाएं RERA अनुरूप (RERA Compliant) होती हैं और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए IIT एवं सरकारी इंजीनियरिंग संस्थानों से जुड़ी होती हैं।
देशभर में 35 से अधिक सफल परियोजनाओं के बाद, रायपुर की यह योजना छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के लिए एक नई मिसाल बनेगी।
सरकारी कर्मचारियों के लिए सम्मान और सुविधा का नया अध्याय
सांसद अग्रवाल ने कहा कि यह परियोजना सिर्फ आवास निर्माण नहीं है, बल्कि सरकारी कर्मचारियों के लिए सम्मान और सुविधा का नया अध्याय है। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के ‘सबका साथ, सबका विकास’ संकल्प का प्रमाण बताया और आश्वासन दिया कि रायपुर में इस परियोजना को जल्द से जल्द धरातल पर उतारा जाएगा।
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