हाइलाइट्स
- आरएमए ने खुद बनाया आदेश
- CMHO ने बिना जांच कार्यमुक्त किया
- पुलिस ने FIR दर्ज की
CG Fake Transfer Order: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) के रायगढ़ जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और फर्जीवाड़े का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहाँ पदस्थ एक ग्रामीण चिकित्सा सहायक (Rural Medical Assistant- RMA) ने खुद ही अपना ट्रांसफर आदेश (Fake Transfer Order) बना लिया और आश्चर्यजनक रूप से सीएमएचओ ने उस आदेश को मानते हुए उसे कार्यमुक्त भी कर दिया। अब इस पूरे मामले की जांच पुलिस कर रही है।
कैसे हुआ फर्जी ट्रांसफर आदेश का खुलासा
मामला आरएमए रामसेवक साहू से जुड़ा है, जिनकी पदस्थापना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission – NHM) रायपुर द्वारा पुसौर ब्लॉक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जतरी में की गई थी। लेकिन 13 अगस्त को उन्होंने खुद ही एक फर्जी ट्रांसफर आदेश बनाकर खुद को पीएचसी छुरी में पदस्थ कर लिया। इतना ही नहीं, उस आदेश को उन्होंने सीएमएचओ रायगढ़ कार्यालय में जमा भी कर दिया।
सीएमएचओ अनिल जगत ने बिना सत्यापन किए उस आदेश को सही मानते हुए रामसेवक साहू को कार्यमुक्त कर दिया। जब अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने देखा कि केवल एक ही व्यक्ति का ट्रांसफर हुआ है, तो उन्हें संदेह हुआ। इसके बाद जानकारी के लिए एनएचएम मुख्यालय रायपुर से संपर्क किया गया, जहाँ यह साफ हुआ कि ऐसा कोई ट्रांसफर आदेश जारी ही नहीं किया गया।
शिकायत और FIR दर्ज
राज्य मुख्यालय ने तुरंत एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। इसके बाद सिटी कोतवाली पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और आरोपी आरएमए रामसेवक साहू के खिलाफ धारा 318(4), 336(3) और 338 बीएनएस (Indian Penal Code equivalent provisions) के तहत मामला दर्ज कर लिया।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर उठे सवाल
यह पूरा घटनाक्रम विभागीय लापरवाही (Department Negligence) को भी उजागर करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे आदेशों की बिना सत्यापन के स्वीकृति देना, प्रशासनिक प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। एक तरफ प्रदेश में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की भारी कमी है, वहीं दूसरी ओर फर्जी आदेशों के जरिए मनमानी पदस्थापना (Posting Scam) करना न केवल भ्रष्टाचार बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता को भी प्रभावित करता है।
अभिभावकों और ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीणों और स्वास्थ्य सेवा लेने आने वाले मरीजों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं स्वास्थ्य व्यवस्था (Health System) को कमजोर करती हैं और असली जरूरतमंद जगहों पर डॉक्टरों की कमी और बढ़ जाती है। लोगों ने मांग की है कि न सिर्फ आरोपी आरएमए बल्कि उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने बिना जांच के आदेश को सही मान लिया।
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