रायपुर। छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी समझे जाने वाले विधायकों के दिल्ली पहुंचने का सिलसिला जारी है जिसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, बघेल के करीबी सूत्रों का कहना है कि ये विधायक स्वत: दिल्ली पहुंच रहे हैं। इसमें शक्ति प्रदर्शन जैसा कुछ भी नहीं है।
नेतृत्व परिवर्तन का सवाल नहीं
दिल्ली पहुंचे विधायक बृहस्पत सिंह ने शुक्रवार को फिर कहा कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का दूर-दूर तक कोई सवाल नहीं है और बघेल की अगुवाई में ही पूरे पांच साल सरकार चलेगी। उन्होंने कहा,हम अपने प्रभारी पीएल पुनिया जी का इंतजार कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि राहुल गांधी जी अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान थोड़ा लंबे समय तक वहां रहें ताकि कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़े।
20 विधायक पहुंचे दिल्ली
सूत्रों के अनुसार, अब तक करीब 20 विधायक दिल्ली पहुंचे हैं और शुक्रवार देर रात करीब 10 विधायक राष्ट्रीय राजधानी से यहां पहुंच रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के ढाई वर्ष पूरे होने के बाद से लगातार चर्चा है कि मुख्यमंत्री पद ढाई—ढाई वर्ष तक बघेल और फिर राज्य के वरिष्ठ नेता एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को देने की बात हुई थी। ऐसे में ये विधायक बुधवार को दिल्ली पहुंचे हैं। विधायकों के दिल्ली पहुंचने के बारे पूछे जाने पर कांग्रेस के छत्तीसगढ़ मामलों के प्रभारी पीएल पुनिया ने बृहस्पतिवार को कहा था कि उनसे अब तक किसी भी विधायक ने संपर्क नहीं किया है।
सीएम ने कही यह बात
विधायकों के दिल्ली जाने को लेकर सीएम बघेल का बयान भी सामने आया था उन्होंने कहा कि अब विधायक कहीं जा भी नहीं सकते क्या? हर कदम पर राजनीति नहीं देखनी चाहिए। कोई व्यक्ति अगर कहीं चला गया है तो उसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए।’’ सिंहदेव ने भी इसे तवज्जो नहीं देने की कोशिश करते हुए कहा था,अब 70 के 70 जा सकते हैं। इसमें मुद्दा क्या है? अगर विधायक दिल्ली जाते हैं तो इसमें क्या मुद्दा है? उत्तर प्रदेश में कई दिनों तक यह सब चला। छत्तीसगढ़ में नया क्या हो रहा है।उनके मुताबिक, सभी विधायकों की यह भावना है कि आलाकमान जो चाहेगा, वह हम सब मानेंगे।
सीएम पद को लेकर विवाद जारी!
बता दें कि छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही बघेल और सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं हैं। जून 2021 में मुख्यमंत्री पद पर बघेल के ढाई वर्ष पूरे होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के खेमे ने दावा किया कि आलाकमान ने ढाई—ढाई वर्ष बारी बारी से मुख्यमंत्री पद के लिए सहमति दी थी। राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर हुए विवाद के बाद कांग्रेस आलाकमान ने विवाद को सुलझाने के लिए अगस्त में बघेल और सिंहदेव को दिल्ली बुलाया था।