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CG Viral Video
हाइलाइट्स
- पीपल कटते ही फूट-फूटकर रोईं
- इमरान मेमन पर FIR दर्ज
- उसी जगह रोपा गया नया पीपल
CG Viral Video : छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले के सर्रागोंदी गांव से एक ऐसा भावनात्मक दृश्य सामने आया है, जिसने न सिर्फ गांव के लोगों को, बल्कि पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। यहां की 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला देवला बाई पटेल उस समय फूट-फूटकर रो पड़ीं जब उन्होंने देखा कि 20 साल पहले अपने हाथों से लगाया गया पीपल का पेड़ काट दिया गया है।
देवला बाई का इस पीपल से केवल धार्मिक या पर्यावरणीय नहीं, मां-बेटे जैसा रिश्ता था। वह वर्षों से उसकी पूजा करती थीं, पानी देती थीं और उसकी छांव में बैठकर भगवान को स्मरण करती थीं। जब पेड़ का ठूंठ देखकर उन्होंने उसे गले लगाया और माथा टेकते हुए विलाप किया, तो वहां मौजूद हर आंख नम हो गई।
“ये सिर्फ पेड़ नहीं, मेरे बेटे जैसा था”
गांववालों के मुताबिक देवला बाई अक्सर कहती थीं, "यह पीपल मेरे परिवार का हिस्सा है।" उनका यह जुड़ाव केवल प्रतीकात्मक नहीं था — यह पीपल वृक्ष उनके लिए जीवन का साथी, विश्वास और धर्म का केंद्र बन चुका था। जब उन्हें यह सूचना मिली कि किसी ने इस पेड़ को रात के अंधेरे में काट दिया, तो वह अपने आंसू नहीं रोक सकीं और कटे हुए पेड़ के पास जाकर जोर-जोर से विलाप करने लगीं।
इस दृश्य को देखकर पूरा गांव भावुक हो उठा। किसी ने इस पल को मोबाइल में कैद किया और जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो प्रशासन से लेकर प्रदेशभर के लोगों की भावनाएं भी उमड़ पड़ीं।
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धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाने की मंशा का आरोप
इस पूरे प्रकरण ने तब और बड़ा मोड़ ले लिया जब ग्रामीणों ने पेड़ कटवाने का आरोप गांव के ही निवासी इमरान मेमन पर लगाया। ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई साधारण पेड़ नहीं था, बल्कि एक पूजनीय स्थल का हिस्सा था। इसे जानबूझकर धार्मिक भावनाएं आहत करने की मंशा से काटा गया।
विश्व हिंदू परिषद ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे "श्रद्धा और परंपरा पर हमला" बताया है और पीड़ित स्थल पर हनुमान मंदिर निर्माण का संकल्प लिया है। घटना के विरोध में गांववासियों ने प्रदर्शन किया और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की।
FIR दर्ज, जेल में आरोपी
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य आरोपी इमरान मेमन और उसके साथी पर FIR दर्ज की है। थाना प्रभारी अनिल शर्मा के अनुसार, आरोपियों पर BNS की धारा 238 और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत केस दर्ज किया गया है।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर सलोनी जेल भेज दिया। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि पेड़ काटने के लिए किस मशीन का उपयोग किया गया और उसे कहां से मंगवाया गया।
उसी जगह रोपा गया नया पीपल
इस घटना के बाद, ग्रामीणों ने एकजुट होकर उसी स्थान पर नया पीपल का पौधा रोपण किया। यह पौधा देवला बाई पटेल ने खुद अपने कांपते हाथों से लगाया, जिससे पूरे माहौल में एक बार फिर आस्था, एकता और श्रद्धा की भावना जाग उठी।
विश्व हिंदू परिषद के जिला उपाध्यक्ष भागवत शरण सिंह ने घोषणा की कि इस स्थान को अब आस्था और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक स्थल बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, "यहां हनुमान मंदिर का निर्माण होगा ताकि आने वाली पीढ़ियां सीख सकें कि पेड़, परंपरा और प्रकृति का सम्मान क्यों जरूरी है।"
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पेड़ सिर्फ लकड़ी नहीं, भावनाओं की जड़ हैं
यह घटना केवल एक पेड़ की कटाई नहीं है- यह पर्यावरण, संस्कृति और मानवीय संवेदनाओं के कटने की पीड़ा है। देवला बाई का दर्द उस हर व्यक्ति की पीड़ा है जो प्रकृति से जुड़ाव रखता है। यह घटना यह भी दिखाती है कि जब श्रद्धा को ठेस पहुंचती है, तो गांव का हर व्यक्ति प्रहरी बनकर खड़ा हो जाता है। सर्रागोंदी गांव से आई यह तस्वीरें हमें याद दिलाती हैं कि विकास के नाम पर पेड़ काटना केवल प्रकृति नहीं, इंसानियत का भी नुकसान है।
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