हाइलाइट्स
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बिना मुँह बांधे कुत्ते को घुमाने पर लगेगा ₹1000 जुर्माना।
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हाथी, घोड़े और बड़े जानवरों को खुला छोड़ने पर भी नियम लागू।
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छोटे अपराधों पर जेल की बजाय अब जुर्माना लगाया जाएगा।
CG Pet Law: छत्तीसगढ़ में अब पालतू जानवरों को खुला छोड़ना या बिना नियंत्रण घुमाना महंगा पड़ सकता है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद जनविश्वास अधिनियम 2025 (Jan Vishwas Act 2025) लागू हो गया है। इस कानून के तहत, अगर कोई व्यक्ति बिना मुखबंधन (Muzzle) लगाए अपने कुत्ते को सड़कों या सार्वजनिक स्थलों पर घुमाता है, तो उस पर ₹1000 का जुर्माना लगाया जाएगा। यह नियम पालतू मालिकों की जिम्मेदारी और नागरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है।
क्यों लागू किया गया नया कानून
बीते वर्षों में आवारा और पालतू कुत्तों से काटने के मामले लगातार सामने आ रहे थे। कई बार पालतू मालिक बिना मुंह बांधे कुत्तों को खुला छोड़ देते हैं जिससे लोगों की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगता है। नए कानून के तहत अब ऐसे मामलों में सीधा आर्थिक दंड लगाया जाएगा, ताकि लोगों में जागरूकता बढ़े और सुरक्षा बनी रहे। यह नियम केवल कुत्तों पर ही नहीं, बल्कि हाथी, घोड़े और अन्य बड़े जानवरों पर भी लागू होगा।
छोटे अपराधों पर अब जुर्माना, जेल नहीं
छत्तीसगढ़ सरकार ने जुलाई विधानसभा सत्र में इस विधेयक को पारित किया था और अब यह कानून के रूप में लागू हो गया है। पहले छोटे-छोटे अपराधों के लिए कारावास (जेल) का प्रावधान था, लेकिन अब उनकी जगह जुर्माने की व्यवस्था की गई है। इसका मकसद है ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देना और नागरिकों पर से बेवजह की कानूनी कार्रवाई का बोझ कम करना।
किन-किन मामलों में कितना जुर्माना लगेगा
- कुत्तों को बिना मुखबंधनी घुमाना – ₹1000
- हाथी, घोड़े या अन्य बड़े जानवरों को खुला छोड़ना – ₹1000
- अनुज्ञा (Permission) के बिना पशुओं को बांधना – ₹500
- अनुज्ञा के बिना पशुओं का वध करना – ₹5000
- पशु की देखरेख में लापरवाही से मृत्यु – ₹100
- अनधिकृत स्थान पर पोस्टर चिपकाना – ₹5000
- गलत कर जानकारी देना या छुपाना – ₹5000
- जल निकास, पाइप या केबल का बिना अनुमति निर्माण/जोड़ना – ₹5000
लोगों की सुरक्षा और जिम्मेदारी पर जोर
कानून का मकसद नागरिकों को जागरूक और जिम्मेदार बनाना है। कुत्तों पर मजेल (Muzzle) लगाने से काटने की घटनाओं पर रोक लगेगी और सड़क पर चलने वाले लोग सुरक्षित रहेंगे। वहीं बड़े जानवरों को बिना नियंत्रण खुला छोड़ने से ट्रैफिक जाम और हादसे की संभावना बढ़ती है, इसलिए उन पर भी सख्त नियम बनाए गए हैं।
नियम तोड़ने पर क्या होगा?
अगर कोई पालतू मालिक या पशु पालक इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे सीधे जुर्माना भरना होगा। बार-बार उल्लंघन करने वालों के खिलाफ FIR भी दर्ज हो सकती है। संबंधित नगर निगम और प्रशासनिक निकाय इन नियमों के मॉनिटरिंग अथॉरिटी होंगे और मौके पर जुर्माना वसूलने का अधिकार रखेंगे।
नागरिकों के लिए संदेश
सरकार का कहना है कि ये नियम किसी पर बोझ डालने के लिए नहीं बल्कि सामाजिक सुरक्षा और सार्वजनिक सुविधा के लिए हैं। अगर पालतू मालिक समय पर पंजीयन कराएं, मुंह पर मुखबंधनी लगाएं और सार्वजनिक स्थलों पर जानवरों को नियंत्रण में रखें तो जुर्माने से बचा जा सकता है। यह कदम नागरिकों और पालतू दोनों के लिए सुरक्षित वातावरण तैयार करेगा।
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