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Chhattisgarh (CG) Pensioners DR:
हाइलाइट्स
पेंशनर्स ने मांगा 5% डीआर भुगतान
केंद्र-राज्यों ने लागू की डीआर बढ़ोतरी
सरकार की चुप्पी से बढ़ी नाराजगी
Chhattisgarh (CG) Pensioners DR: छत्तीसगढ़ के हजारों बुजुर्ग पेंशनरों के लिए इस बार की दिवाली उत्साह से ज्यादा चिंता का कारण बन गई है। राज्य के अधिकारी-कर्मचारी पेंशनर्स एसोसिएशन ने एक बार फिर सरकार से 5% महंगाई राहत (Dearness Relief - DR) की दोनों किस्तें दीपावली से पहले जारी करने की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि सरकार का पेंशनरों के प्रति दोहरा रवैया असहनीय हो चुका है।
जनवरी और जुलाई की डीआर अब तक बकाया
एसोसिएशन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि जनवरी 2025 से लंबित 2% डीआर और जुलाई 2025 से बकाया 3% डीआर यानी कुल 5% महंगाई राहत का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। यह स्थिति तब है जब राज्य सरकार अपने कार्यरत कर्मचारियों को पहले ही 2% डीए का भुगतान कर चुकी है। लेकिन पेंशनरों को डीआर से वंचित रखा जाना, सरकार के भीतर नीतिगत असमानता की ओर इशारा करता है।
केंद्र और अन्य राज्यों ने जारी की डीआर
पेंशनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि केंद्र सरकार ने 2 अक्टूबर को 3% डीआर बढ़ाने की घोषणा की थी, जिसके बाद राजस्थान, बिहार सहित कई राज्यों ने अपने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की चुप्पी ने पेंशनरों के बीच गहरी निराशा और असंतोष पैदा कर दिया है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज नायक, महामंत्री उमेश मुदलियार, जिला संरक्षक विजय झा सहित कई पदाधिकारियों ने मिलकर यह मांग रखी है कि डीआर की दोनों किस्तें एरियर सहित तत्काल जारी की जाएं, ताकि बुजुर्ग पेंशनर भी त्योहारों में खुशियां मना सकें।
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डीआर न मिलने से तनाव में पेंशनर्स
एसोसिएशन ने यह भी बताया कि पेंशन की सीमित राशि और बढ़ती महंगाई के बीच गुजारा करना पहले ही मुश्किल हो रहा है। डीआर न मिलने से अब दीपावली जैसे त्यौहार भी बोझ बनते जा रहे हैं। बुजुर्ग पेंशनर जो जीवन भर सरकारी सेवा में रहे, आज अपने अधिकार के लिए सरकार से गुहार लगाने को मजबूर हैं।
सरकार से भावनात्मक अपील
संघ की ओर से मुख्यमंत्री से सीधी भावनात्मक अपील की गई है कि वह इस विषय को सिर्फ वित्तीय मसला न मानें, बल्कि इसे एक सामाजिक और मानवीय मुद्दा समझें। एसोसिएशन का कहना है कि यदि जल्द सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो यह दिवाली खुशियों की नहीं, चिंता की बनकर रह जाएगी।
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