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CG में पुरानी गाड़ियों पर नया टैक्स: दिल्ली की सेकंड हैंड कारों की बिक्री पर लगा ब्रेक, अब 1% टैक्स देना होगा अनिवार्य

CG Old Vehicles New Tax Rules: नया टैक्स नियम भले ही वाहन खरीदारों को भारी लगे, लेकिन इससे राज्य में ऑटो सेक्टर की पारदर्शिता बढ़ेगी।

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Shashank Kumar
CG Old Vehicles New Tax Rules

CG Old Vehicles New Tax Rules

हाइलाइट्स 

  • पुराने वाहनों पर अब 1% टैक्स अनिवार्य

  • दिल्ली से सेकंड हैंड लक्जरी कारों पर ब्रेक

  • नामांतरण के लिए ऑनलाइन सिस्टम अपडेट

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CG Old Vehicles New Tax Rules : छत्तीसगढ़ में दिल्ली की सेकंड हैंड लक्जरी कारों (Second Hand Luxury Cars) की बिक्री पर अब बड़ा असर पड़ने वाला है। राज्य सरकार के परिवहन विभाग (Transport Department Chhattisgarh) ने पुरानी गाड़ियों की खरीद-फरोख्त पर नया नियम लागू कर दिया है। इसके तहत अब किसी भी पुराने वाहन, चाहे वह कार (Car), बाइक (Bike), ट्रक (Truck) या मालवाहक (Goods Carrier) का नाम ट्रांसफर करने से पहले उसकी मूल शोरूम कीमत (Ex-Showroom Price) का 1 प्रतिशत टैक्स (1% Vehicle Transfer Tax) देना अनिवार्य होगा।

टैक्स दिए बिना नहीं होगा नाम ट्रांसफर

परिवहन विभाग के अनुसार, अब कोई भी वाहन मालिक टैक्स अदा किए बिना नामांतरण (Ownership Transfer) की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाएगा। नया सिस्टम राज्य के सभी आरटीओ (RTO Offices) में लागू कर दिया गया है और ऑनलाइन पोर्टल को अपडेट कर दिया गया है।

उदाहरण के तौर पर, यदि वाहन की शोरूम कीमत 10 लाख रुपये है, तो मालिक को 10 हजार रुपये टैक्स देना होगा। वहीं, 20 लाख की कार पर 20 हजार रुपये का टैक्स देना पड़ेगा। विभाग का कहना है कि यह टैक्स वाहन के पुराना या नया होने से प्रभावित नहीं होगा- यानी 10 साल पुरानी गाड़ी पर भी टैक्स उसी शोरूम कीमत (Showroom Value) के आधार पर लगेगा, जिस कीमत पर वह नई खरीदी गई थी।

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दिल्ली से आने वाली लक्जरी गाड़ियों पर ब्रेक

नया टैक्स नियम खासतौर पर उन वाहन डीलरों (Car Dealers) के लिए झटका है जो दिल्ली से पुरानी लक्जरी गाड़ियां खरीदकर छत्तीसगढ़ में बेचते थे। दिल्ली में 15 साल पुराने वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध है (Delhi Old Vehicle Ban), लेकिन छत्तीसगढ़ में अब तक ऐसे वाहनों को री-रजिस्ट्रेशन (Re-registration) करवाकर आसानी से चलाया जा सकता था।

पिछले कुछ वर्षों में रायपुर और बिलासपुर जैसे शहरों में दिल्ली की सेकंड हैंड मर्सिडीज (Mercedes), बीएमडब्ल्यू (BMW), ऑडी (Audi) और रेंज रोवर (Range Rover) जैसी कारों का व्यापार खूब फल-फूल रहा था। लेकिन अब टैक्स बढ़ने से इन गाड़ियों की कीमतें स्वाभाविक रूप से बढ़ जाएंगी। दिल्ली से लाकर 50-60 लाख रुपये में खरीदी गई लक्जरी गाड़ी पर अब लाखों रुपये अतिरिक्त देना पड़ सकता है। इससे सेकंड हैंड ऑटो मार्केट (Used Car Market) पर सीधा असर पड़ेगा।

राज्य में हर साल बिकते हैं 1.5 लाख पुराने वाहन

परिवहन विभाग के अनुसार, छत्तीसगढ़ में हर साल लगभग 1.5 लाख पुराने वाहन (Used Vehicles Sales Chhattisgarh) खरीदे-बेचे जाते हैं। इनमें करीब 55% दुपहिया वाहन (Two-Wheelers) होते हैं, 25% कारें (Cars) और 20% मालवाहक (Commercial Vehicles)।

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स्पष्ट है कि यह टैक्स आम जनता और मिडिल क्लास खरीदारों (Middle-Class Buyers) दोनों को प्रभावित करेगा। अब हर बार वाहन के नामांतरण पर 1% टैक्स देना होगा, चाहे वह गाड़ी दूसरी, तीसरी या चौथी बार ही क्यों न बेची जा रही हो।

वाहन 10 साल पुराना होने पर भी छूट नहीं

  • परिवहन विभाग ने साफ कर दिया है कि वाहन की उम्र (Vehicle Age) के आधार पर टैक्स में किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी।
  • यह टैक्स वाहन की शोरूम कीमत (Ex-Showroom Value) के आधार पर वसूला जाएगा, न कि मौजूदा बाजार मूल्य (Market Value) पर।
  • यानी, यदि किसी लक्जरी कार की शोरूम कीमत 80 लाख रुपये थी, तो उस पर 80 हजार रुपये टैक्स लगेगा — चाहे अब उसकी वैल्यू घटकर 30 लाख ही क्यों न रह गई हो।

टैक्स का उद्देश्य- पारदर्शिता और राजस्व वृद्धि

अतिरिक्त परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर (D. Ravishankar, Additional Transport Commissioner) ने बताया कि इस टैक्स का उद्देश्य राज्य में वाहन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया (Vehicle Registration Process) को अधिक पारदर्शी बनाना और सरकार के राजस्व (Revenue Generation) को बढ़ाना है। उन्होंने कहा, “हर साल लाखों पुराने वाहनों की बिक्री होती है, लेकिन उनमें से कई अनरजिस्टर्ड रह जाते हैं। इस टैक्स सिस्टम से सभी गाड़ियां परिवहन विभाग के रिकॉर्ड में सूचीबद्ध होंगी और अवैध ट्रांसफर पर अंकुश लगेगा।”

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लोगों में नाराजगी, पर सरकार का तर्क

नई व्यवस्था से आम वाहन खरीदारों और डीलरों (Vehicle Dealers) के बीच नाराजगी देखी जा रही है। कई लोगों का कहना है कि इससे पुरानी गाड़ियों का बाजार ठप पड़ सकता है। हालांकि, सरकार का तर्क है कि यह निर्णय “ट्रांसपेरेंसी इन व्हीकल ओनरशिप (Transparency in Vehicle Ownership)” के लिए आवश्यक है। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, यह टैक्स न केवल अवैध बिक्री को रोकेगा बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि हर वाहन का मालिक और रजिस्ट्रेशन डेटा ट्रैक किया जा सके।

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क्यों बढ़ रहा था दिल्ली से गाड़ियों का व्यापार?

दिल्ली में लागू 15 साल पुराने वाहनों पर प्रतिबंध (15-Year Vehicle Ban Delhi) ने सेकंड हैंड कार डीलरों को छत्तीसगढ़ की ओर मोड़ दिया था। छत्तीसगढ़ में री-रजिस्ट्रेशन आसान (Easy Re-registration in CG) होने और प्रदूषण मानकों में लचीलापन (Relaxed Emission Norms) के कारण एजेंट यहां लक्जरी कारों की बिक्री का बड़ा नेटवर्क बना चुके थे। अब 1% टैक्स लागू होने से इस कारोबार की लागत (Operational Cost) बढ़ जाएगी और मुनाफा घटेगा।

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