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छत्‍तीसगढ़ ओबीसी आरक्षण: प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में आयोग की सर्वे रिपोर्ट तय करेगी रिजर्वेशन

CG OBC Survey Report: नगरीय निकाय-पंचायत चुनाव में आयोग की सर्वे रिपोर्ट तय करेगी ओबीसी आरक्षण, 24 को सरकार को सौंपी जा सकती है रिपोर्ट

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Sanjeet Kumar
CG OBC Survey Report

CG OBC Survey Report

CG OBC Survey Report: छत्‍तीसगढ़ में नगरीय निकायों में पिछड़ा पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के द्वारा सर्वे कराया गया था। इसका सर्वे पूरा हो गया है। अब यह माना जा रहा है कि इसकी सर्वे रिपोर्ट (CG OBC Survey Report) आयोग के द्वारा गुरुवार को यानी 24 अक्‍टूबर को राज्य सरकार को सौंपी जा सकती है। आयोग के द्वारा ओबीसी के आंकड़े एकत्रित किए हैं। इसे कंपाइल किया जाकर इसकी डाटा एंट्री पूरी की है।

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ओबीसी (CG OBC Survey Report) सर्वे रिपोर्ट को लेकर आयोग के अध्यक्ष आरएस विश्वकर्मा और सदस्‍यों ने सीएम हाउस में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से भेंट की थी। इससे माना जा रहा है कि ओबीसी की ताजा संख्या के आधार पर नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में आरक्षण तय करने का रास्ता आसान हो जाएगा। इससे चुनाव के दौरान सीट आरक्षण को लेकर समस्‍या नहीं होगी।

दो रिपोर्ट पर कोई खास अंतर नहीं

पूर्व में एकत्रित किए गए पटेल आयोग के आंकड़ों और वर्तमान में विश्वकर्मा आयोग (CG OBC Survey Report) के डाटा में कोई बड़ा अंतर नहीं है।  नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत की डाटा एंट्री की क्रास चेक किया गया। इसमें जिला पंचायतों की एंट्री पहले की है। इसका डाटा भी फाइनल कर लिया है। इसी की संख्या के आधार पर विश्वकर्मा आयोग आरक्षण की अनुशंसा करेगा।

कहीं-कहीं कम हुए ओबीसी

रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में कहीं-कहीं ओबीसी (CG OBC Survey Report) की संख्या में कमी आई है। इसके अलावा कहीं-कहीं बढ़ी भी है। इस घट-बढ़ से आंकड़ों में कोई खास बदलाव नहीं है। यानी न फायदा हुआ है और न ही नुकसान होने वाली स्थिति बन रही है।

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प्रारंभ से आने लगी रुकावटें

ओबीसी के सर्वे को लेकर यह बात भी सामने आई है कि ओबीसी (CG OBC Survey Report) का डेटा संग्रह करने में शुरुआत में काफी दिक्‍कतें आई। इसी के साथ कम समय में घर-घर जाकर जानकारी एकत्रित करना संभव नहीं था।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और जिन लोगों को घर-घर जाकर आंकड़े जुटाने के लिए काम सौंपा था, उन्‍होंने पहले ही इस काम को करने में रुचि नहीं दिखाई। इसका कारण उनको मानदेय नहीं मिलने का सामने आया है। इसके अलावा उन्‍हें पहले रुटीन का काम करने के साथ यह काम करना था।

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