रतन दुबे, जो भाजपा के नारायणपुर जिला उपाध्यक्ष और जनपद पंचायत सदस्य थे, विधानसभा चुनाव से तीन दिन पहले चुनाव प्रचार के लिए गांव गए थे। वहां, वे बाजार में नुक्कड़ सभा को संबोधित कर रहे थे, तभी नक्सलियों ने पीछे से आकर उन पर हमला कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई।

नक्सली ग्रामीण वेशभूषा में कुल्हाड़ी से किया था वार
रतन दुबे पर हमला करने वाले नक्सली ग्रामीण वेशभूषा में थे और उन्होंने कुल्हाड़ी से वार किया। घटना झार थाना क्षेत्र में हुई, जहां रतन दुबे जनता से वोट मांग रहे थे। हमले के बाद नक्सली शव के पास कई पर्चे छोड़कर जंगल की ओर भाग गए। इस हमले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। नक्सलियों की पूर्व बस्तर डिवीजन कमेटी ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है।
नक्सलियों ने इसलिए की थी रतन दुबे की हत्या
पर्चे में नक्सलियों ने आरोप लगाया कि रतन दुबे धर्मांतरण के मुद्दे पर आदिवासियों को आपस में लड़वा रहे थे और आमदाई खदान का समर्थन कर रहे थे। इसके अलावा, उन्होंने लिखा कि दुबे भाजपा और RSS के माध्यम से आदिवासियों को जोड़ने का काम कर रहे थे, और पुलिस के लिए मुखबिरी भी कर रहे थे।
NIA ने कांकेर में की थी छापेमारी
छह दिन पहले, कांकेर जिले में NIA की टीम ने पत्रकार समेत तीन लोगों के घरों पर छापेमारी की थी। इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में पुलिस बल भी शामिल था, और टीम ने दस्तावेजों समेत अन्य सुरागों की खोजबीन की। यह मामला आमाबेड़ा थाना क्षेत्र के उसेली गांव का है।
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