हाइलाइट्स
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NHM कर्मी 21वें दिन भी हड़ताल पर रहे
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9 सितंबर से करेंगे जल सज्याग्रह
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सुनवाई नहीं होने पर विधानसभा को घेराव
CG NHM Workers Protest: छत्तीसगढ़ में 16 हजार से ज्यादा NHM संविदा कर्मचारी अब सरकार से आर-पार की लड़ाई पर उतर आए हैं। प्रदेश के सभी जिलों में अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन जारी है। सोमवार, 8 सितंबर को ‘रोटी-सम्मान-न्याय-गारंटी’ की थीम पर प्रदर्शन किया गया। NHM कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने कहा कि अब आश्वासन नहीं, ठोस फैसले चाहिए।
सोमवार को हड़ताल का 21वां दिन था। एनएचएम कर्मचारियों के अनुसार, मंगलवार, 9 सितंबर से जल सत्याग्रह की शुरुआत की जाएगी। मिरी ने बताया कि सरकार जल्द सुनवाई नहीं करती तो NHM कर्मचारी विधानसभा का घेराव भी करेंगे। मंत्रियों-विधायकों के घरों के सामने उग्र प्रदर्शन होगा।
NHM कर्मी दे चुके हैं सामूहिक इस्तीफा
इससे पहले NHM कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा देकर स्वास्थ्य विभाग को झटका दिया था। रायपुर में 1600, दुर्ग में 850 और रायगढ़ में 500 कर्मचारियों ने इस्तीफा सौंपा। हालांकि रायपुर NHM कर्मचारियों के इस्तीफे को लेकर CMHO डॉ. मिथिलेश चौधरी ने कहा कि ज्ञापन लिया गया है, लेकिन इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है।
कर्मियों की बर्खास्तगी के बाद विरोध तेज
स्वास्थ्य विभाग ने 3 सितंबर को 25 NHM कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया है। इसमें NHM संविदा कर्मचारी संगठन के प्रदेश संरक्षक हेमंत सिन्हा और महासचिव कौशलेश तिवारी के नाम भी शामिल हैं। इसके बाद से NHM कर्मियों का विरोध प्रदर्शन और तेज हो गया है। स्वास्थ्य सेवाएं ठप होने की कगार पर हैं।
सिस्टम दबाव बनाने की कर रहा कोशिश
बर्खास्तगी की कार्रवाई के बाद NHM संविदा कर्मचारियों का कहना है कि शासन दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। बातचीत के रास्ते शासन-प्रशासन स्तर पर बंद कर दिए गए हैं। ऐसे में प्रोटेस्ट ही एक मात्र ऑप्शन है, जो जारी रहेगा।
आंदोलनकारियों की माने तो कर्मचारियों ने अलग-अलग तरह से प्रदर्शन किया। पीएम-सीएम और स्वास्थ्य मंत्री का मुखौटा पहनकर डांस किए। खून से लेटर भी लिख चुके हैं।
18 अगस्त से हड़ताल पर हैं कर्मचारी
छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) संविदा कर्मचारी 18 अगस्त से हड़ताल पर हैं। इसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं ठप हैं। NHM कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं।
वहीं सरकार NHM कर्मियों की 10 में से पांच मांगें पूरी करने का आश्वासन भी दे चुकी है, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई है। इस बीच सरकार की ओर से सोमवार को हड़ताल पर बैठे सभी NHM संविदा कर्मचारियों को 24 घंटे के भीतर काम पर लौटने का आदेश दिया गया। आदेश नहीं मानने पर बर्खास्त करने की चेतावनी दी गई।
अलग-अलग तरीकों से चल रहा प्रदर्शन
NHM कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारी सरकार को खून से लेटर तक लिख चुके हैं। कर्मचारियों के पैरोडी गाने और डांस सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
धमतरी में छत्तीसगढ़ी गाने ‘मोर पथरा के देवता मानत नई हे वो’ पर डांस कर विरोध जताया गया। जिसका मतलब होता है- मेरे पत्थर रूपी देवता मान नहीं रहे हैं।
पुरुष कर्मचारी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का मुखौटा लगाए हुए थे। उनके सामने महिला कर्मचारी पैरोडी गीत पर डांस कर रहीं थीं। इसी तरह ‘तड़पाओगे तड़पा लो’, क्या हुआ तेरा वादा गाने के जरिए भी प्रदर्शन किया गया।
जानें, प्रदर्शन की नौबत क्यों आई
NHM कर्मचारियों का कहना है कि, चुनाव के समय बीजेपी ने “मोदी की गारंटी” के नाम से जो मेनिफेस्टो जारी किया था। उसमें संविदा कर्मचारियों को 100 दिनों के भीतर नियमित करने का वादा किया गया था, पर 20 महीनों में 160 से ज्यादा ज्ञापन देने के बावजूद सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
NHM कर्मियों की ये हैं 10 मांगें
- संविलियन और स्थायीकरण
- पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
- ग्रेड पे निर्धारण
- लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि
- CR सिस्टम में ट्रांसपेरेंसी
- रेगुलर भर्ती में सीटों का आरक्षण
- अनुकंपा नियुक्ति
- मेडिकल और दूसरे लीव की सुविधा
- ट्रांसफर पॉलिसी
- मिनिमम 10 लाख तक कैश-लेस मेडिकल इंश्योरेंस
सरकार इन 5 मांगों को मामने तैयार
- CR सिस्टम में ट्रांसपेरेंसी
- मेडिकल और दूसरे लीव की सुविधा
- ट्रांसफर पॉलिसी – कमेटी बनाने को कहा गया है
- मिनिमम 10 लाख तक कैश लेस मेडिकल इंश्योरेंस
- 27% की जगह केवल 5% वेतन वृद्धि के लिए तैयार