CG NHM Workers Protest: छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16 हजार से ज्यादा संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी बीते 18 अगस्त से अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
अब सरकार की चुप्पी और अनदेखी से नाराज होकर उन्होंने आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया है। शुक्रवार से वे ‘मोदी की गारंटी खोज अभियान’ (Modi Ki Guarantee Khoj Abhiyan) की शुरुआत करेंगे।
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राजधानी रायपुर से होगा अभियान की शुरुआत
एनएचएम संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने बताया कि सभी कर्मचारी रायपुर (Raipur) के तूता धरना स्थल पर जुटेंगे और वहीं से यह अभियान पूरे प्रदेश में फैलाया जाएगा।
आंदोलनकारियों ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान भाजपा (BJP) ने अपने घोषणा पत्र में एनएचएम कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का वादा किया था। ‘मोदी की गारंटी’ (Modi Ki Guarantee) का नारा दिया गया था, लेकिन अब तक उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
2 लाख पंपलेट बांटकर करेंगे जनजागरण
शुक्रवार 29 अगस्त से प्रदेशभर के कर्मचारी अपने-अपने जिलों से राजधानी की ओर कूच करेंगे। रास्ते में पड़ने वाले गांवों और कस्बों में वे पंपलेट बांटेंगे और लोगों से सरकार से सवाल करने की अपील करेंगे।
इसके लिए 2 लाख विशेष पंपलेट तैयार किए गए हैं। आंदोलनकारी कर्मचारी दुकानदारों, आम जनता और परिचितों से मिलकर अपनी पीड़ा साझा करेंगे।
सरकार और कर्मचारियों के बीच तकरार
स्वास्थ्य मंत्री के इस दावे को कर्मचारियों ने गलत बताया है कि 10 में से 5 मांगें पूरी कर दी गई हैं। कर्मचारियों का कहना है कि अब तक केवल एक मांग पर ही सर्कुलर जारी हुआ है, बाकी मुद्दों पर कोई ठोस फैसला नहीं हुआ। उनका आरोप है कि सरकार मांगों के मूल स्वरूप को बदलकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
वर्षों से कर रहे हैं अल्प वेतन पर काम
कर्मचारियों का कहना है कि वे बीते 20 वर्षों से बेहद कम वेतन पर काम कर रहे हैं और लगातार शोषण का शिकार हो रहे हैं। उनकी मुख्य मांगों में नियमितीकरण (Regularisation), स्थायीकरण (Stabilisation), पब्लिक हेल्थ कैडर (Public Health Cadre), ग्रेड पे (Grade Pay) और अनुकंपा नियुक्ति (Compassionate Appointment) शामिल हैं।
राज्य सरकार के पाले में गेंद
कर्मचारियों का आरोप है कि राज्य सरकार उनकी मांगों को केंद्र के मत्थे मढ़ रही है, जबकि तकनीकी रूप से यह फैसला राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। उनका कहना है कि अब वे पीछे हटने वाले नहीं हैं और जब तक मांगे पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा।