CG News: जस्टिस संजय किशन कौल एवं जस्टिस सुधांशु धुलिया की डिवीज़न बेंच ने शराब मामले में आज सुनवाई करते हुए ED की कार्यवाही पर रोक लगायी है। दरअसल “प्रेडिकेट ओफ्फेंस” के आभाव के कारण कोई भी प्रकार की विवेचना एवं आगे की कार्यवाही पर रोक लगायी गई है।
“प्रेडिकेट ओफ्फेंस” के आभाव के कारण लगी रोक
याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर अधिवक्ता डॉ अभिषेक मनु सिंघवी, सीनियर अधिवक्ता पुनीत बाली, गोपाल शंकर नारायण, अर्शदीप सिंह खुराना ने अपना पक्ष रखा। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से सीनियर अधिवक्ता कपिल सिब्बल और भारत सरकार की ओर से ASG एस वी राजू ने अपना पक्ष रखा।
याचिकाकर्ता IAS अनिल टुटेजा, यश टुटेजा, अनवर ढेबर, करिश्मा ढेबर एवं सिद्धार्थ सिंघानिया की ओर से याचिका दायर की गई थी।
यह था मामला
दरअसल, ईडी ने प्रदेश में 2 हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले का दावा किया था। इस मामले में ईडी जांच कर रही थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस जांच पर रोक लगा दी है। प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाले पर 4 जुलाई को चार्जशीट पेश किया था। 5 आरोपियों के खिलाफ रायपुर में स्पेशल जज अजय सिंह राजपूत की अदालत में करीब 16 हजार पन्नों का चार्जशीट पेश किया था।
इस मामले में ईडी ने अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, पप्पू ढिल्लन, अरविंद सिंह और अरुणपति त्रिपाठी को आरोपी बनाया है। ईडी की ओर से आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में 16,000 पन्नों के दस्तावेज पेश किए गए। ईडी का दावा है कि साल 2019 से 2022 के बीच प्रदेश में बड़ा शराब घोटाला हुआ है।
इसमें 2 हजार करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं। एजेंसी ने बताया कि अनवर ढेबर छत्तीसगढ़ में एक सिंडिकेट चला रहा है, जिसे बड़े नेताओं के साथ-साथ सीनियर अफसरों का भी समर्थन हासिल है। इसमें एक ऐसा नेटवर्क तैयार किया गया है कि छत्तीसगढ़ में बेचे जाने वाली शराब की हर बोतल पर अवैध वसूली की जा रही थी।
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