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Raipur Mango Festival: 'मियाजाकी' आम की धूम, कीमत 3.45 लाख प्रति किलो, आमजन के लिए 200 से अधिक वैराइटी का प्रदर्शन

Raipur Mango Festival: रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय आम महोत्सव में मियाजाकी आम की कीमत ₹3.45 लाख प्रति किलो है। 450 किसानों की भागीदारी और 2000 से अधिक आमों की वैराइटी का प्रदर्शन किया गया।

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anjali pandey
Raipur Mango Festival: 'मियाजाकी' आम की धूम, कीमत 3.45 लाख प्रति किलो, आमजन के लिए 200 से अधिक वैराइटी का प्रदर्शन

Raipur Mango Festival : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर इन दिनों आम के दीवानों के लिए स्वर्ग बन गया है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय आम महोत्सव में देश-दुनिया के 200 से ज्यादा वैराइटी, 2000 से अधिक आम और 450 से अधिक किसानों की भागीदारी देखी जा रही है। इस उत्सव में जापान के मियाजाकी आम ने सबसे ज्यादा सुर्खियाँ बटोरीं — जिसकी कीमत ₹3.45 लाख प्रति किलो है।

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मियाजाकी आम बना आकर्षण का केंद्र

[caption id="attachment_835058" align="alignnone" width="771"]publive-image Miyazaki mango[/caption]

मियाजाकी आम को दुनिया के सबसे महंगे आमों में गिना जाता है। इसका आकार लगभग एक से डेढ़ किलो होता है और इसे प्रीमियम आम की श्रेणी में रखा जाता है। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के रिटायर्ड GM राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने इसे अपने फार्म में उगाया है। वे इस आम को नहीं बेचते बल्कि शौकिया तौर पर प्रदर्शनी में शो-केस करते हैं। इसकी रखवाली के लिए दो अल्सेशियन डॉग्स और CCTV कैमरे लगाए गए हैं।

बस्तर से अफगानिस्तान तक, 200+ वैराइटी

[caption id="attachment_835060" align="alignnone" width="761"]publive-image Raipur Mango Festival[/caption]

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इस महोत्सव में बस्तर के जंगलों में मिलने वाले छोटे गोल आमों से लेकर अफगानिस्तान, पाकिस्तान, थाईलैंड और फिलीपींस के आमों की वैराइटी प्रदर्शित की गई है। कुछ आम तो 2 इंच से 15 इंच तक के हैं।

56 व्यंजनों में आम का स्वाद

[caption id="attachment_835061" align="alignnone" width="767"]publive-image 56 व्यंजनों में आम का स्वाद[/caption]

इस आम उत्सव में आम से बने 56 व्यंजनों को भी शोकेस किया गया है, जिससे आम प्रेमियों को विविध स्वाद और पारंपरिक व्यंजनों का अनुभव हो रहा है।

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‘हूर पाकिस्तानी’ आम पर विवाद

प्रदर्शनी में एक आम की वैराइटी 'हूर पाकिस्तानी' ने विवाद खड़ा कर दिया। यह नाम हटाने के पीछे आयोजकों ने तकनीकी कारण बताया, हालांकि सूत्रों के अनुसार नाम को लेकर आपत्ति जताई गई थी। इसके अलावा पाकिस्तानी किस्म 'सिंधू' भी प्रदर्शनी में है, जिसे भारतीय नस्ल भी माना जाता है।

मुख्यमंत्री ने उठाया सबसे बड़ा आम

[caption id="attachment_835062" align="alignnone" width="755"]publive-image मुख्यमंत्री ने ‘हाथीझुल’ नामक आम की किस्म को हाथ में लेकर तस्वीर खिंचवाई।[/caption]

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी उत्सव में शिरकत की और ‘हाथीझुल’ नामक आम की किस्म को हाथ में लेकर तस्वीर खिंचवाई।

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इस किस्म के आमों का वजन 2 से 4 किलो तक होता है। उन्होंने आम को 'फलों का राजा' बताते हुए स्थानीय किसानों के प्रयासों की सराहना की।

फल ही नहीं, पौधों की बिक्री भी

कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने जानकारी दी कि इस आयोजन में आम के फल के साथ-साथ पौधे भी बेचे जा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को प्राकृतिक रूप से पके आमों की टोकरी भेंट की।

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