रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुवार को रायपुर जिले के चंदखुरी गांव में राम वनगमन पर्यटन परिपथ की शुरुआत करेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य पर्यटन बोर्ड द्वारा तैयार की गई राम वनगमन पर्यटन परिपथ परियोजना के पहले चरण में भगवान राम के वनवास से जुड़े नौ स्थानों को विकसित करने की योजना है। राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को यहां बताया कि छत्तीसगढ़ में भगवान राम से जुड़ी स्मृतियों को संजोने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सात अक्टूबर को चंदखुरी गांव में राम वनगमन पर्यटन परिपथ की शुरुआत करेंगे। इसके साथ ही वह माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर परिसर का भी उद्घाटन करेंगे। इस परिसर का जीर्णोंद्वार हाल में हुआ है।
विश्वस्तरीय पर्यटन केन्द्र के रूप में किया विकसित
अधिकारियों ने बताया कि भगवान श्री राम के वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ भ्रमण पथ के महत्वपूर्ण स्थानों को ‘राम वनगमन पर्यटन परिपथ’ परियोजना के तहत विश्वस्तरीय पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत चंदखुरी गाँव में स्थित प्राचीन कौशल्या माता मंदिर के सौन्दर्यीकरण और परिसर को विकसित करने का प्रथम चरण का कार्य पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की लोक कथाओं में भगवान राम, माता सीता और भ्राता लक्ष्मण के वनवास से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं।
प्राकृतिक सुन्दरता का होगा अहसास
कथाओं के अनुसार अयोध्या से वनवास के दौरान प्रभु श्री राम ने अपना अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में बिताया था। राज्य सरकार ने भगवान राम और माता कौशल्या से जुड़ी यादों को संजोने के लिए राम वनगमन पर्यटन परिपथ परियोजना की कल्पना की है। इस पर्यटन परिपथ को इस तरह विकसित किया जा रहा है कि यहां आने वाले भक्तों और पर्यटकों को अपने हर कदम के साथ धार्मिक परिवेश के साथ छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुन्दरता का अहसास हो सके। उन्होंने बताया कि राजधानी रायपुर के करीब स्थित चंदखुरी गांव के प्राचीन कौशल्या माता मंदिर के उद्घाटन समारोह में संगीत, नृत्य के अलावा लेजर शो और एलईडी रोशनियों के जरिए लाइट एंड साउंड कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
लाइट एंड साउंड शो के जरिए दर्शक भगवान राम के वनवास और वनगमन पथ की कहानियां सुन और देख सकेंगे। इस दौरान तीन दिवसीय समारोह में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकार प्रस्तुति देंगे। अधिकारियों ने बताया कि माता कौशल्या मंदिर में प्रति वर्ष नवरात्र के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। राज्य सरकार का यह प्रयास है कि छत्तीसगढ़ अंतरराष्ट्रीय और घरेलू पर्यटकों के लिए एक रोमांचक गंतव्य के रूप में स्थापित हो सके। उन्होंने बताया कि राज्य पर्यटन बोर्ड द्वारा तैयार की गई राम वनगमन पर्यटन परिपथ परियोजना के प्रथम चरण में भगवान राम के वनवास से जुड़े नौ स्थानों को विकसित करने की योजना है, जहां से श्री राम गुजरे थे। इन स्थलों में सीतामढ़ी-हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा, जगदलपुर और रामाराम शामिल हैं। राम वनगमन पथ के चिह्नित स्थलों को विश्व स्तर के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।