RAIPUR: छत्तीसगढ़ में मानसून सत्र काफी दिलचस्प रहा बीते दिन अविश्वास सत्र पर जोरदार चर्चा हुई थी।सत्र का गुरुवार भी नोंकझोंक से भरा हुआ रहा। विधानसभा में प्रश्नकाल में अनियमित, संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण के मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष के विधायकों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई।सदन में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूछा कि, कर्मचारियों को नियमित करने के लिए बनी कमेटी ने क्या अनुशंसा की है?
इसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि, कमेटी की एक बैठक हो चुकी है। विभागों और निगम, मंडल और आयोगों से कार्यरत अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों की जानकारी मंगाई गई है।
कई विभागों से जानकारी आ गई है, कुछ विभागों से जानकारी नहीं मिली है। कई मामले कोर्ट में भी चल रहे हैं। 28 मई 2019 को महाधिवक्ता को चिट्ठी लिखकर अभिमत मांगा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की वजह से भी देरी हुई। अब हालात सामान्य हो रहे हैं। कब तक नियमितीकरण होगा, इसकी समय सीमा बताना निश्चित नहीं है। हमारी कोशिश है कि घोषणा पत्र के वादे पूरे कर दिए जाएं।
अजय चंद्राकर ने कहा कि आज ही की प्रश्नोत्तरी में एक जवाब में बताया गया है कि 25 लोगों का नियमितीकरण किया गया है। इसके लिए अभिमत कैसे मिल गया? शिवरतन शर्मा ने कहा कि ढाई साल बीत गए, कमेटी ने अब तक अनुशंसा नहीं की है? सदन को गुमराह किया जा रहा है। कौशिक ने कहा कि 2020 से 2022 हो गया, मगर अब तक अभिमत नहीं आया। सौरभ सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का वर्ष 2006 का निर्णय है, नियमितीकरण हो ही नहीं सकता था। जनघोषणा पत्र से लोगों को गुमराह किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अभिमत भी आएगा और नियमितीकरण भी होगा।
इसके बाद पक्ष-विपक्ष के बीच नोंकझोंक शुरू हो गई। विपक्षी विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। भारी शोर शराबे के बीच सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित की गई। दोबारा जब कार्यवाही शुरू हुई तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मैं निर्देशित कस्र्गा कि जल्द से जल्द कमेटी की बैठक आयोजित की जाए। अभिमत की प्रक्रिया तेज की जाए। साथ ही जिन विभागों से जानकारी नहीं आई है, वहां से जानकारी जल्द बुलाने के भी निर्देश दूंगा। मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष ने बहिर्गमन कर दिया। CG News