CG News: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की हार के बाद अब कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए अपना नेता ढूंढ रही है।
इसके लिए बकायदा विधायक दल की बैठक बुलाई, जिसमें नेता प्रतिपक्ष का चयन होना था। हालांकि विधायक दल की बैठक का फैसला दिल्ली पर छोड़ा गया है।
नेता के चयन में लगी काँग्रेस
प्रदेश में जहा एक तरफ बीजेपी जीत के बाद सरकार के गठन में लगी है, तो वहीं कांग्रेस भी विपक्ष के तौर पर सरकार को सदन में घेरने और जनता से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए अपने नेता का चयन करने में लगी है।
इसके आलाकमान ने प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष जितेंद्र भवर सिंह ने विधायको का भोपाल बुलाया। इस दौरान वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत ने एक लाइन का प्रस्ताव रखा जिसमें नेता प्रतिपक्ष के नाम पर फैसला हाईकमान पर छोड़ा है।
काँग्रेस ढूंढ रही चेहरा
विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस में अब उथल-पुथल मची हुई है। जिसका सबसे बड़ा कारण है, उनके बड़े नेताओं का चुनाव हार जाना।
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, कमलेश्वर पटेल, विजय लक्ष्मी साधो, सज्जन सिंह वर्मा, सहित कई नेता इस बार सदन से बाहर है। यही कारण है कि अब नेता प्रतिपक्ष के लिए पार्टी किसी नए चेहरे को ढूंढ़ रही है, जिसे जातिगत समीकरण से भी साधा जा सके।
नाम को लेकर मंथन
इस दौड़ में आदिवासी चेहरों में उमंग सिंगार, बाला बच्चन, ओमकार सिंह मरकाम, रामनिवास रावत, लखन गनगोरिया, अजय सिंह भी शामिल है। हालांकि बीजेपी, कांग्रेस के इस मसले पर चुटकी लेती नजर आ रही है। बीजेपी कह रही है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पार्टी नहीं बल्कि एक परिवार की पार्टी है।
काँग्रेस में नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर मंथन चल रहा है, कल हुई काँग्रेस विधायक दल की बैठक में पार्टी ने एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया। पार्टी से मिली जानकारी के मुताबिक कहा गया कि अब हाई कमान नेता प्रतिपक्ष के नाम का फैसला करेगा।
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