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CG New Sharab Policy
हाइलाइट्स
3 दिवसीय सलाहकार बैठक संपन्न
शराब नीति में ज़मीनी सुझाव शामिल
ड्राफ्ट नीति जल्द होगी तैयार
CG New Sharab Policy: छत्तीसगढ़ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए प्रस्तावित नई शराब नीति को और अधिक पारदर्शी, व्यवहारिक और उद्योग के अनुकूल बनाने की दिशा में बड़ी पहल की है। सरकार अब ऐसी नीति लाने की तैयारी में है जो न केवल शासन की मंशा को साकार करे, बल्कि कारोबारियों के लिए भी व्यावहारिक और लाभकारी हो। इसी कड़ी में 13 से 15 अक्टूबर 2025 तक रायपुर में तीन दिवसीय महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें आबकारी सचिव सह आयुक्त आर. शंगीता ने शराब कारोबार से जुड़े विभिन्न पक्षों से खुलकर संवाद किया।
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CG New Sharab Policy[/caption]
पहले दिन की बैठक: बॉटलिंग और उत्पादन इकाइयों से सुझाव
13 अक्टूबर को बैठक का फोकस राज्य के भीतर संचालित आसवनी (डिस्टिलरी) और बॉटलिंग यूनिट्स पर था। इन व्यवसायिक इकाइयों के संचालकों से बॉटलिंग फीस, लाइसेंस शुल्क, आयात-निर्यात पर लगने वाले शुल्क, काउंटरवेलिंग ड्यूटी, और ऑनलाइन भुगतान की प्रक्रिया को लेकर विस्तृत सुझाव लिए गए। इसके अलावा नई बोतलों के इस्तेमाल की अनुमति और गोदामों के अवकाश के दिन संचालन जैसे मुद्दों पर भी चर्चाएं हुईं।
दूसरे दिन का संवाद: विदेशी शराब कंपनियों के साथ विमर्श
14 अक्टूबर को विदेशी मदिरा कंपनियों और उनके स्थानीय वितरकों से बैठक हुई। इन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने आयात-निर्यात शुल्क, लाइसेंस फीस, बॉटलिंग चार्ज, काउंटरवेलिंग ड्यूटी, और गोदाम संचालन से जुड़ी समस्याएं सामने रखीं। सरकार ने इन सुझावों को गंभीरता से लेते हुए भरोसा दिलाया कि आने वाली नीति में इन सभी पहलुओं पर संतुलित निर्णय लिया जाएगा।
तीसरे दिन बार और क्लब संचालकों की भागीदारी
15 अक्टूबर को हुई अंतिम बैठक में राज्यभर के बार और क्लब संचालकों तथा उनके संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस संवाद में न्यूनतम बिक्री लक्ष्य (MG), बार संचालन की समय-सीमा, लाइसेंस शुल्क, अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण, और ब्रांड रेंज के हिसाब से बिक्री की व्यवस्था जैसे व्यावसायिक और तकनीकी मुद्दों पर चर्चा की गई।
अब तैयार होगा नई शराब नीति का प्रारूप
तीनों दिनों में मिले इनपुट्स को अब आबकारी विभाग विश्लेषित करेगा। आबकारी सचिव आर. शंगीता ने बताया कि सभी पक्षों से प्राप्त सुझावों को गंभीरता से परखा जाएगा और उनके आधार पर 2026-27 की शराब नीति, बार नीति और अहाता नीति का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य एक ऐसी नीति बनाना है, जो औद्योगिक हितों और सामाजिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन स्थापित कर सके।
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शराब नीति में पहली बार दिखी भागीदारी की झलक
यह पहली बार है जब छत्तीसगढ़ सरकार ने नीति निर्धारण की प्रक्रिया में शराब कारोबार से जुड़े विभिन्न वर्गों को सीधा शामिल किया है। इससे आने वाली नीति न केवल वास्तविकताओं से जुड़ी होगी बल्कि राज्य सरकार और कारोबारियों के बीच विश्वास की नींव को और मजबूत करेगी।
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