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CG Naxalites Arrest
हाइलाइट्स
- बीजापुर में 8 नक्सली गिरफ्तार
- टिफिन बम और डेटोनेटर बरामद
- 3 इनामी माओवादी पुलिस के शिकंजे में
CG Naxalites Arrest : नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार चल रहे सघन ऑपरेशनों के तहत छत्तीसगढ़ पुलिस और सुरक्षाबलों को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। थाना बासागुड़ा पुलिस और सीआरपीएफ 168वीं बटालियन की संयुक्त कार्रवाई में तीन इनामी नक्सलियों समेत कुल आठ माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं। यह कार्रवाई बीजापुर जिले के पुतकेल से पोलमपल्ली मार्ग पर की गई, जहां सुरक्षाबलों को गुप्त सूचना के आधार पर नक्सल गतिविधियों की खबर मिली थी।
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तीन इनामी नक्सली पकड़े गए
गिरफ्तार नक्सलियों में कोसा सोड़ी पर 2 लाख, जबकि जय सिंह माड़वी और मड़काम अंदा पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। ये तीनों सक्रिय रूप से कमलापुर और नेण्ड्रा आरपीसी के संगठन से जुड़े हुए थे। साथ ही पकड़े गए अन्य पांच माओवादी भी विभिन्न माओवादी शाखाओं जैसे मिलिशिया और आर्थिक शाखा से जुड़े थे। सुरक्षाबलों ने सभी को मौके पर गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
विस्फोटक और अन्य सामग्री बरामद
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3 लाख के इनामी सहित 8 नक्सली गिरफ्तार[/caption]
गिरफ्तार नक्सलियों के पास से सुरक्षाबलों ने टिफिन बम, डेटोनेटर, सेफ्टी फ्यूज, कार्डेक्स वायर, बैटरियां, बिजली के तार, गड्ढा खोदने के औजार और बड़ी मात्रा में नक्सली विचारधारा से जुड़े पाम्फलेट और बैनर बरामद किए हैं। बरामद सामग्री से साफ है कि ये माओवादी किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे, जिसे समय रहते विफल कर दिया गया।
नक्सल उन्मूलन अभियान के परिणाम
राज्य सरकार की सख्त नीति और केंद्र सरकार के सहयोग से छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियानों ने नया मोड़ ले लिया है। पिछले डेढ़ वर्षों में नक्सली मोर्चे पर 1,428 आत्मसमर्पण और 400 से अधिक माओवादियों के मारे जाने की घटनाएं दर्ज हुई हैं। बीजापुर जिले में ही हाल ही में 103 नक्सलियों ने एक साथ सरेंडर किया था, जो राज्य में अब तक का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण माना जा रहा है।
बढ़ती कार्रवाई से माओवादी खेमों में हड़कंप
बीजापुर और सुकमा जैसे दुर्गम इलाकों में सुरक्षाबलों की बढ़ती उपस्थिति और लगातार हो रही गिरफ्तारी तथा मुठभेड़ों से नक्सली संगठन बौखलाए हुए हैं। 2 अक्टूबर को भी एक सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने 5 लाख के इनामी नक्सली को मुठभेड़ में ढेर किया था। ऐसे ऑपरेशन यह स्पष्ट संकेत हैं कि अब माओवादियों की पकड़ इन इलाकों में कमजोर हो रही है।
स्थानीय समर्थन से मिल रही कामयाबी
इन अभियानों की सफलता में स्थानीय लोगों की सक्रिय भूमिका और सूचना तंत्र की मजबूती अहम रही है। क्षेत्रीय जनता अब माओवादियों की विचारधारा से अलग होकर मुख्यधारा से जुड़ने को तैयार दिख रही है। प्रशासन द्वारा चलाई जा रही पुनर्वास और आत्मसमर्पण नीतियों ने भी माओवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया है।
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