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CG Anti-Naxal Operations: छत्‍तीसगढ़ में नक्‍सल विरोधी अभियान से घबराए नक्‍सली, शांति वार्ता के लिए सरकार से की मांग

Chhattisgarh CG Naxal Operation Maoist Peace Talk Update; छत्‍तीसगढ़ के बीजापुर जिले में चलाए गए एंटी-नक्सल ऑपरेशन के बीच माओवादी संगठन ने एक बार फिर शांति वार्ता को लेकर प्रस्ताव रखा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले माओवादियों के केंद्रीय कमेटी

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Sanjeet Kumar
CG Naxal Peace Talk

CG Naxal Peace Talk

CG Naxal Peace Talk: छत्‍तीसगढ़ के बीजापुर जिले में चलाए गए एंटी-नक्सल ऑपरेशन के बीच माओवादी संगठन ने एक बार फिर शांति वार्ता को लेकर प्रस्ताव रखा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले माओवादियों के केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने प्रेस नोट (CG Naxal Peace Talk) जारी कर सरकार से अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।

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माओवादी प्रवक्ता अभय ने कहा है कि, केंद्र सरकार विशेषकर गृह मंत्री अमित शाह को शांति वार्ता पर अपनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए। उन्होंने कहा, हम शांति वार्ता को लेकर गंभीर हैं, लेकिन केंद्र सरकार की चुप्पी और टालमटोल की नीति चिंता जनक है।

26 साथियों की मौत की पुष्टि

प्रेस नोट में माओवादियों (CG Naxal Peace Talk) ने स्वीकार किया कि हाल ही में कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों पर 26 माओवादी मारे गए हैं। इसके बावजूद संगठन हथियार छोड़ने और मुख्यधारा में आने के लिए बातचीत को तैयार हैं, लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि सुरक्षा बलों की भारी मौजूदगी के चलते बैठकें आयोजित कर पाना मुश्किल हो गया है।

Naxal Letter

छत्तीसगढ़ और केंद्र पर नाराजगी

अभय ने बताया कि माओवादी संगठन ने 25 अप्रैल को भी शांति वार्ता की अपील की थी। इस पर तेलंगाना सरकार ने सकारात्मक रुख दिखाया, लेकिन केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिक्रिया को नकारात्मक और युद्धोन्मुखी बताया।

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उन्होंने आरोप लगाया कि गृह राज्य मंत्री बंडी संजय और छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने सार्वजनिक रूप से कहा कि युद्धविराम की कोई संभावना नहीं है, जबकि माओवादियों से बिना शर्त वार्ता के लिए पहले बयान दिए गए थे।

CG Naxal Letter

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बिना युद्धविराम के शांति वार्ता कैसे संभव?

माओवादी संगठन का तर्क है कि जब तक सरकार युद्धविराम की घोषणा नहीं करती, तब तक वास्तविक शांति वार्ता की पहल संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सात लाख जवानों की घेराबंदी में कोई भी संगठन संवाद कैसे कर सकता है, इस पर सरकार को विचार करना चाहिए।

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