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CG Nan Scam: रायपुर (Raipur) में नान घोटाला (Nan Scam) मामले की सुनवाई के दौरान आज बड़ा मोड़ देखने को मिला। रिटायर्ड IAS डॉ. आलोक शुक्ला (Dr. Alok Shukla) ईडी (ED) की गिरफ्तारी से बचने के लिए स्पेशल कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने कोर्ट में सरेंडर की तैयारी की थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का आदेश अभी अपलोड नहीं हुआ है। ऐसे में सरेंडर की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती।
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ईडी की सुबह-सुबह दबिश, गिरफ्तारी की अटकलें
आज सुबह ईडी की टीम ने भिलाई (Bhilai) स्थित आलोक शुक्ला के तालपुरी घर में दबिश दी। सूत्रों के अनुसार, ईडी अधिकारी तलाशी पूरी करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर सकते थे। लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए ही शुक्ला कोर्ट में पहुंचे थे। उनके वकील फैजल रिजवी (Faizal Rizvi) ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद ही सरेंडर संभव होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी अग्रिम जमानत
नान घोटाला (Nan Scam) मामले में आलोक शुक्ला और पूर्व IAS अनिल टुटेजा (Anil Tuteja) को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिली थी। लेकिन कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने आदेश दिया कि दोनों अफसरों को पहले दो हफ्ते ईडी की कस्टडी और उसके बाद दो हफ्ते न्यायिक हिरासत में रहना होगा। इसके बाद ही उन्हें जमानत मिल सकेगी। अदालत ने यह भी कहा कि आरोपियों ने जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी।
भूपेश सरकार में मिली थी पॉवरफुल पोस्टिंग
नान घोटाला (Nan Scam) का खुलासा 2015 में हुआ था। उस वक्त आलोक शुक्ला खाद्य विभाग (Food Department) के सचिव थे। उनके खिलाफ EOW ने चार्जशीट पेश की थी। 2019 में जमानत मिलने के बाद शुक्ला और टुटेजा दोनों को भूपेश बघेल सरकार (Bhupesh Baghel Government) में अहम पद मिले। आरोप है कि इसी दौरान दोनों ने जांच को प्रभावित किया।
10 जिलों में ईडी की कार्रवाई जारी
नान घोटाला (Nan Scam) मामले में ईडी की कार्रवाई प्रदेशभर में तेज है। दुर्ग (Durg) और भिलाई (Bhilai) समेत 10 जिलों में छापेमारी जारी है। ईडी की टीम ने भिलाई के हुडको इलाके में सुधाकर रावटे (Sudhakar Rawte) के घर भी दबिश दी है। वहीं कस्टम मिलिंग (Custom Milling) केस में पहले ही अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर (Anwar Dhebar) को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन पर 140 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले का आरोप है।
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