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CG Mining Conclave 2025
हाइलाइट्स
सीएम साय ने रेत नीति लॉन्च की
DMF 2.0 पोर्टल से पारदर्शिता बढ़ेगी
छत्तीसगढ़ बनेगा मिनरल पावरहाउस ऑफ इंडिया
CG Mining Conclave 2025: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (CM Vishnudev Sai) ने रविवार को राजधानी रायपुर में आयोजित ‘छत्तीसगढ़ माइनिंग कॉन्क्लेव 2025 (Chhattisgarh Mining Conclave 2025)’ में राज्य को “प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न” बताते हुए कहा कि यहां खनन उद्योग (Mining Industry) के विस्तार की अपार संभावनाएं (Huge Mining Opportunities) मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सतत विकास (Sustainable Development) और पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) के साथ माइनिंग सेक्टर को मजबूत आधार देने के लिए ठोस नीति पर काम कर रही है।
रेत नीति 2025 और DMF 2.0 पोर्टल लॉन्च
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय ने दो महत्वपूर्ण पहल- ‘रेत नीति 2025 (Sand Policy 2025)’ और ‘DMF 2.0 पोर्टल (District Mineral Foundation Portal)’ का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि DMF 2.0 पोर्टल पर खनिज से जुड़ी सभी प्रमुख जानकारियां, परियोजनाएं और फंड उपयोग की जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी, जिससे पारदर्शिता (Transparency) और जवाबदेही (Accountability) सुनिश्चित होगी।
सीएम साय ने कहा, “पिछली सरकार के कार्यकाल में डीएमएफ की राशि का सही उपयोग नहीं हुआ था। हमने इस प्रणाली को ठीक किया है और अब यह धन वास्तव में विकास कार्यों और स्थानीय हित में उपयोग किया जा रहा है।”
खनिज नीलामी से बढ़ेगा निवेश
मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में राज्य में 9 प्रमुख खनिज ब्लॉकों (Mineral Blocks) की नीलामी की गई है और 5 नए ब्लॉकों के लिए निविदा प्रक्रिया (Tender Process) शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार (Employment Opportunities) के नए अवसर भी बनेंगे।
सीएम ने कहा कि खनन के साथ-साथ स्थानीय समुदायों के विकास पर भी सरकार का ध्यान केंद्रित है। उन्होंने इस दिशा में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP Model) को बढ़ावा देने की घोषणा की।
200 से अधिक रेत खदानों की होगी ई-नीलामी
मुख्यमंत्री साय ने घोषणा की कि रेत नीति 2025 के तहत आने वाले समय में 200 से अधिक रेत खदानों (Sand Mines) की ई-नीलामी (E-Auction) की जाएगी, ताकि अवैध खनन (Illegal Mining) पर अंकुश लगाया जा सके और राज्य को उचित राजस्व लाभ (Revenue Benefit) मिल सके। इसके साथ ही राज्य सरकार ने कोल इंडिया (Coal India Limited) के साथ एक महत्वपूर्ण एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे खनन क्षेत्र में निवेश और तकनीकी सहयोग को गति मिलेगी।
खनन के साथ पर्यावरण सुरक्षा प्राथमिकता पर
सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि सरकार खनन के साथ पर्यावरणीय संतुलन (Environmental Balance) बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हम केवल खनन पर नहीं, बल्कि हरित खनन (Green Mining) पर भी ध्यान दे रहे हैं। हमारी प्राथमिकता है कि आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण एक साथ आगे बढ़ें।”
9 साल बाद हुआ बड़ा कॉन्क्लेव
यह कॉन्क्लेव लगभग 9 साल बाद आयोजित (After 9 Years) हुआ, जिसमें देशभर के उद्योगपतियों, खनन विशेषज्ञों और निवेशकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में विभिन्न सत्रों के दौरान खनन नीतियों, डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम, पर्यावरण प्रबंधन और स्थानीय समुदायों की भागीदारी (Community Participation) जैसे विषयों पर चर्चा हुई। उद्योग जगत ने राज्य सरकार के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ अब खनन निवेश के लिए देश का उभरता हुआ केंद्र (Emerging Mining Hub of India) बन गया है।
छत्तीसगढ़ बन रहा है, 'मिनरल पावरहाउस ऑफ इंडिया'
‘छत्तीसगढ़ माइनिंग कॉन्क्लेव 2025’ ने यह साबित कर दिया कि राज्य आने वाले वर्षों में “मिनरल पावरहाउस ऑफ इंडिया (Mineral Powerhouse of India)” बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि यह कॉन्क्लेव राज्य की माइनिंग नीति के लिए “मील का पत्थर (Milestone Event)” साबित होगा और इससे आने वाले समय में उद्योग जगत का भरोसा और निवेश दोनों बढ़ेंगे।
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