CG Milk Price Hike
बिलासपुर। दूध की कीमतों में 5 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का निर्णय जिला दुग्ध उत्पादक संघ द्वारा लिया गया है। खुले बाजार में बेचे जा रहे दूध की दाम बढ़ाए जाने का फैसले के सीधा असर इस दूध से बनने वाले प्रोडक्ट पर पड़ने वाला है। जिला दुग्ध उत्पादक संघ के अनुसार 1 मार्च से दूध के दाम 5 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ाए जा रहे हैं। यह नई कीमत लागू होने से दूध से बने उत्पाद जैसे- खोवा, मिठाई, लस्सी, खीर, पनीर जैसी उत्पादों के दाम भी बढ़ेंगे। मतलब गर्मी के सीजन में गर्मी को दूर भगाने वाली लस्सी के लिए भी इस बार लोगों को ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। वहीं दही खाने के शौकीन लोगों के लिए भी जेब ज्यादा ढीली करनी होगी।
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बता दें की 1 मार्च 2023 से दूध की यह बढ़ी हुई कीमतें लागू की जानी हैं। दुग्ध उत्पादक संघ ने इस बढ़ाई गई कीमत का कारण गाय-भैसों के लिए खिलाए जाने वाले चारे और भूसे के साथ ही खरी-चुनी जैसी चीजों के दामों में वृद्धि होना बताया है। दुग्ध उत्पादक संघ के अनुसार उन्हें दुधारू पशुओं के खाने की पूर्ति करने के लिए ज्यादा राशि चुकानी पड़ रही है, जिसके चलते उन्हें घाटा उठाना पड़ रहा है। ऐसे में उन्होंने बैठक कर खुले बाजार में बिक रहे दूध के दाम बढ़ाए जाने का फैसल लिया है। यहां बता दें कि खुले बजार में बिकने वाले दूध की कीमते बढ़ाए जाने के पहले पैकेट वाले दूध की कीमतें भी बढ़ाई जा चुकी हैं।
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जानकारी के मुताबिक बिलासपुर शहर में ही प्रति दिन लगभग 25 हजार लीटर दूघ की खपत हो रही है। बताया गया है कि इससे पहले यहां करीब 55 हजार लीटर तक प्रति दिन दूध की खपत होती थी, लेकिन जैसे ही पैकेट वाले दूध की दाम बढ़ाए गए वैसे ही खपत भी गिर गई। अब ऐसे में खुले बाजार में आ रहे दूध की कीमत भी बढ़ जाने का असर भी खपत पर देखने को मिल सकता है। ऐसे में दुग्ध उत्पादक संघ के अध्यक्ष मुकेश मिश्रा का कहना है कि पैकेट में आने वाले दूध की कीमतों में कंपनियां एक साल में कई बार वृद्धि कर देते हैं। हमें भी गाय-भैंसों के खाने और दवाईयों में लगातर बढ़ रहे खर्च को देखते हुए 5 रुपए प्रति लीटर की दर से दूध की दाम बाढ़ाए जाने का निर्णय लेना पड़ रहा है।
होली की मिठाई होगी महंगी Milk Price
खुले बाजार में आने वाले दूध की सबसे ज्यादा खपत होटलों और मिठाई बनाने वाली दुकानों में किया जाता है। इस दूध की कीमत ऐसे समय में बढ़ाई गई है जब होली का त्योहार भी पास ही है। ऐसे में लोगों को इस त्योहार में मुंह मीठा करने के लिए भी ज्यादा राशि खर्च करनी होगी। क्यों कि होटल और मिठाई दुकान संचालकों के लिए भी दूध से बनाए जाने वाले प्रोडक्ट और मिठाई के लिए भी ज्यादा लागत लगानी पड़ेगी। जिसके सीधा असर इन्हें खरीदने वाले आम नागरिकों पर पड़ने वाला है।