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CG Lecturer Dismissed: 2 से ज्‍यादा बच्‍चे होने पर व्‍याख्‍याता बर्खास्‍त, सरकार ने नियम रद्द किया, फिर भी चली गई नौकरी

CG Lecturer Dismissed: 2011 में शिक्षाकर्मी वर्ग-1 के पद पर नियुक्ति के समय जायसवाल ने अपने फॉर्म में केवल दो संतानों का उल्लेख किया था। बाद में पता चला कि उनकी कुल चार जीवित संतानें हैं

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Sanjeet Kumar
CG Lecturer Dismissed

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CG Lecturer Dismissed: छत्तीसगढ़ के मस्तूरी विकासखंड स्थित शासकीय हाई स्कूल, सोन के व्याख्याता नवरतन जायसवाल को झूठी जानकारी देकर नौकरी हासिल करने के आरोप में बर्खास्त (CG Lecturer Dismissed) कर दिया गया है। यह कार्रवाई 3 अप्रैल 2025 को की गई, जब तीन साल तक चली जांच में उन पर लगे आरोप साबित हो गए।

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बता दें कि 2011 में शिक्षाकर्मी वर्ग-1 के पद पर नियुक्ति के समय जायसवाल ने अपने फॉर्म में केवल दो संतानों का उल्लेख किया था। बाद में पता चला कि उनकी कुल चार जीवित संतानें हैं, जिनमें से दो का जन्म 26 जनवरी 2001 के बाद हुआ था।

छत्‍तीसगढ़ सरकार में ये था नियम

छत्तीसगढ़ सरकार के नियमों के अनुसार, उस समय यदि किसी कर्मचारी (CG Lecturer Dismissed) के दो से अधिक जीवित संतान हैं और उनमें से कम से कम एक का जन्म 26 जनवरी 2001 या उसके बाद हुआ हो, तो उसकी नियुक्ति अमान्य मानी जाती है। इस नियम के एक्टिव रहने के बाद भी व्‍याख्‍याता नवरतन जायसवाल ने अपनी संतानों झूठी जानकारी दी।

कैसे हुआ खुलासा?

2021 में इस मामले की शिकायत छत्तीसगढ़ लोक आयोग (CG Lecturer Dismissed) में दर्ज की गई। लोक शिक्षण संचालनालय ने जिला शिक्षा अधिकारी (बिलासपुर) और संभागीय संयुक्त संचालक से जांच करवाई। जायसवाल को कारण बताओ नोटिस दिया गया, जिसमें उन्होंने दलील दी कि उन्होंने दो संतानों को गोद दे दिया था। हालांकि, विभाग ने यह तर्क खारिज करते हुए कहा कि जन्म और जीवित संतान होना ही नियमों का उल्लंघन है, गोद लेना इसका समाधान नहीं।

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तीन साल की जांच के बाद बर्खास्त

जांच में सभी आरोप साबित होने के बाद 3 अप्रैल 2025 को उन्हें सेवा से बर्खास्त (CG Lecturer Dismissed) कर दिया गया। यह निर्णय छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग द्वारा पारदर्शिता और नियमों की सख्त पालना के रूप में देखा जा रहा है। इसको लेकर बारीकी से जांच की गई। सभी दस्‍तावेजों की जांच और फीजिकल साक्ष्‍य की जानकारी जुटाने के बाद यह निर्णय लिया गया है।

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हम दो, हमारे दो नीति का उल्लंघन

यह नियम आबादी नियंत्रण के लिए बनाया गया था, जिसमें सरकारी कर्मचारियों (CG Lecturer Dismissed) के लिए दो से अधिक संतान होने पर प्रतिबंध था। छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम, 1965 के नियम 22(4) के तहत यह प्रावधान था कि शासकीय सेवक परिवार नियोजन नीतियों का पालन करेंगे।

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सरकार ने बाद में बदल दिया नियम

हालांकि, साल 2017 में छत्तीसगढ़ सरकार ने इस नियम को हटा दिया, जिसके बाद सरकारी कर्मचारियों (CG Lecturer Dismissed) को दो से अधिक बच्चे पैदा करने की छूट मिल गई। यह नियम उक्‍त व्‍याख्‍याता पर लागू नहीं हो पाया। क्‍योंकि इसकी नियुक्ति इस नियम के लागू होने से पहले की है। इसके चलते पुराने नियम के अनुसार व्‍याख्‍याता पर एक्‍शन हुआ है और बर्खास्‍त कर दिया गया है।

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