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बीजापुर में माओवादियों की बर्बर वारदात: मामा-भांजे की धारदार हथियार से की हत्या, एक महीने में 7 ग्रामीणों की गई जान

Bijapur Maoist Attack: बीजापुर में माओवादियों की बर्बर वारदात, मामा-भांजे की धारदार हथियार से की हत्या, एक महीने में 7 ग्रामीणों की गई जान

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Harsh Verma
बीजापुर में माओवादियों की बर्बर वारदात: मामा-भांजे की धारदार हथियार से की हत्या, एक महीने में 7 ग्रामीणों की गई जान

Bijapur Maoist Attack: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर (Bijapur) जिले में माओवादियों ने एक बार फिर अपनी बर्बरता दिखाई है। उसूर थाना (Usur Police Station) क्षेत्र के नेलाकांकेर गांव (Nelakanker Village) में शुक्रवार 24 अक्टूबर की रात नक्सलियों (Naxalites) ने दो ग्रामीणों की बेरहमी से हत्या कर दी।

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मृतकों की पहचान रवि कट्टम (Ravi Kattam, 25 वर्ष) और तिरुपति सोढ़ी (Tirupati Sodhi, 38 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों रिश्ते में मामा-भांजा और पड़ोसी थे। नक्सलियों ने दोनों को घर से बाहर बुलाकर धारदार हथियार से मार डाला।

गृहमंत्री के दौरे के बाद हुई वारदात

यह घटना उस समय हुई जब कुछ दिन पहले ही प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा (Home Minister Vijay Sharma) बीजापुर और उसूर क्षेत्र के दौरे पर आए थे। सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने और विकास कार्यों की समीक्षा के बाद यह वारदात माओवादियों की बौखलाहट का संकेत मानी जा रही है।

पुलिस ने बताया कि माओवादी सुरक्षाबलों की बढ़ती मौजूदगी और ग्रामीणों के सहयोग से नाराज हैं, इसी कारण बदले की भावना से हत्या की गई है।

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मुखबिरी के शक में की गई हत्या

पुलिस जांच में प्रारंभिक जानकारी सामने आई है कि माओवादी दोनों ग्रामीणों पर सुरक्षाबलों को सूचना देने का शक कर रहे थे। बताया गया कि तिरुपति सोढ़ी 8वीं पास और किसान था, जबकि रवि कट्टम 12वीं पास था और दोनों का बीजापुर मुख्यालय एवं आवापल्ली (Awapalli) क्षेत्र में आना-जाना था। पुलिस और सुरक्षाबल घटनास्थल के आसपास सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।

एक महीने में सात ग्रामीणों की हत्या

अक्टूबर महीने में ही माओवादियों ने 7 ग्रामीणों की हत्या की है। 4 अक्टूबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के बस्तर दौरे से पहले भी माओवादियों ने सुकमा (Sukma) और बीजापुर में दो ग्रामीणों की हत्या की थी। इससे पहले भी 28 सितंबर को बीजापुर के मनकेली पटेलपारा (Mankeli Patelpara) में सुरेश कोरसा नामक युवक की हत्या कर दी गई थी।

25 साल में 1820 से ज्यादा लोगों की मौत

राज्य गठन के बाद से लेकर अब तक यानी पिछले 25 वर्षों में बस्तर (Bastar) के अलग-अलग जिलों में माओवादी हिंसा में 1820 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इनमें आम नागरिक, जनप्रतिनिधि और सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। सिर्फ बीजापुर में ही सबसे ज्यादा हत्याएं हुई हैं।

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शिक्षादूत भी बने शिकार

माओवादियों की इस साल की हिंसा में अब तक 9 शिक्षादूत (Shikshadoot) मारे जा चुके हैं। इनमें से 5 बीजापुर और 4 सुकमा जिले के हैं। सभी मामलों में माओवादियों ने मुखबिरी का आरोप लगाकर हत्या की है। ग्रामीण इलाकों में इन वारदातों से भय और असुरक्षा का माहौल है।

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