Chhattisgarh (CG) Liquor Scam EOW Chargesheet 2025: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले (Chhattisgarh Liquor Scam) में जांच एजेंसियों की पकड़ अब और मजबूत होती दिख रही है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने सोमवार को 28 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ करीब 2300 पन्नों की चार्जशीट (chargesheet) विशेष कोर्ट में पेश कर दी है। ये चालान घोटाले की गहराई और इसमें संलिप्त अधिकारियों के नेटवर्क को उजागर करता है।
यह चालान उस समय पेश किया गया है जब कुछ दिन पहले ही 30 जून को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) के खिलाफ लगभग 1200 पन्नों का चौथा पूरक चालान (supplementary chargesheet) दाखिल किया गया था, जिसमें उनके खिलाफ ठोस सबूत सामने आए थे।
ईओडब्ल्यू के पास हैं निवेश और खर्च के सबूत
ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा को घोटाले से 64 करोड़ रुपये (illegal money) मिले। इनमें से 18 करोड़ रुपये की अवैध धनराशि का उपयोग और निवेश (money laundering) किए जाने के प्रमाण दस्तावेजों में हैं। आरोप है कि लखमा के संरक्षण में इस घोटाले को विभागीय अधिकारियों, शराब कारोबारियों और ठेकेदारों के जरिए क्रियान्वित किया गया।
21 जनवरी से जेल में बंद हैं कवासी लखमा
ED ने 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार (arrested) किया था। उससे पहले दो बार उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया। फिर उन्हें 7 दिनों की कस्टडी (custodial interrogation) और बाद में न्यायिक रिमांड में भेजा गया। 21 जनवरी से वे लगातार जेल में हैं। पिछली पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी, क्योंकि जेल में पर्याप्त सुरक्षा नहीं थी।
क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला?
यह घोटाला (CG Liquor Scam) 2019 के बाद लागू नई आबकारी नीति (excise policy) से जुड़ा है, जिसके तहत शराब बिक्री का जिम्मा CSMCL (Chhattisgarh State Marketing Corporation Ltd) को दिया गया। लेकिन इस प्रणाली का दुरुपयोग करते हुए एक अपराध सिंडिकेट (criminal liquor syndicate) बनाया गया, जिसके मुख्य सूत्रधार थे अनवर ढेबर (Anwar Dhebar)। आरोप है कि उन्होंने अपने प्रभाव से अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD बनवाया और फिर अधिकारियों, कारोबारियों और राजनीतिक रसूखदारों के साथ मिलकर यह घोटाला अंजाम दिया।
कोर्ट में पेश चार्जशीट से खुला बड़ा जाल
ED द्वारा पेश की गई चार्जशीट में बताया गया है कि इस सिंडिकेट में शामिल प्रमुख नाम हैं – अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा (IAS), यश टुटेजा, सौम्या चौरसिया (CM सचिवालय की उपसचिव), कवासी लखमा, और कई निजी कंपनियां जैसे छत्तीसगढ़ डिस्टिलर, वेलकम डिस्टिलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम साई ब्रेवरीज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट, आदि।
अब तक चार अभियोग पत्र, जांच और गिरफ्तारी जारी
EOW और ED की संयुक्त जांच में अब तक चार अभियोग पत्र विशेष कोर्ट में दाखिल किए जा चुके हैं। 13 लोगों को गिरफ्तार (arrested accused) किया जा चुका है, और बाकी की तलाश जारी है। यह घोटाला आबकारी विभाग के भ्रष्टाचार (excise department corruption) और प्रशासनिक मिलीभगत का जीवंत उदाहरण बन चुका है।
राजनीति से लेकर नौकरशाही तक फैला भ्रष्टाचार का दायरा
इस घोटाले (CG Liquor Scam) में राजनीतिक संरक्षण (political protection), प्रशासनिक लापरवाही और निजी स्वार्थ के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग सामने आया है। भूपेश सरकार (Bhupesh Baghel government) के समय में हुए इस घोटाले को विपक्ष बार-बार मुद्दा बनाता रहा है, वहीं भाजपा सरकार इसे खत्म करने और दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में लगातार कार्रवाई कर रही है।
बढ़ती जांच और घोटाले की सच्चाई
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, 2161 करोड़ रुपये के इस घोटाले (Rs 2161 crore scam) की परतें खुलती जा रही हैं। यह केवल वित्तीय अपराध नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की नीतिगत व्यवस्था और प्रशासन पर गंभीर प्रश्नचिन्ह है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां और खुलासे हो सकते हैं।
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